अजय बजाज ने लिखा था निजी लाभ के लिए बड़े नेता का सलाहकार कराता है गलत कार्य Ranchi: प्रदेश बीजेपी के एक बड़े नेता का राजनीतिक सलाहकार पद का दुरुपयोग कर रहा है। वह अपने निजी लाभ के लिए गलत कार्य कराता है। शुन्य से 100 करोड़ तक का सफर उसने तय कर लिया है। यह बातें फेसबुक पर अजय बजाज नाम के शख्स ने लिखा है। अजय बजाज के इस पोस्ट पर बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी ने उन्हें लीगल नोटिस भेजा है। सुनील तिवारी ने कहा कि अजय बजाज ने अपने फेसबुक पोस्ट में जो बातें लिखी है वह सीधे-सीधे उनसे संबंधित है। उन्होंने तिवारी नाम का भी जिक्र किया है। इसलिए वे स्पष्ट करें की जिस तिवारी के बारे में उन्होंने लिखा है वो कौन है। अगर वे यह नहीं बता सकते तो फेसबुक पोस्ट को डिलीट करते हुए माफी मांगें। सुनील तिवारी ने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी को भी दूसरों को बदनाम करने या छवि धुमिल करने का अधिकार नहीं है। …………………………………………………… पटना के कारोबारी हैं अजय बजाज………………………. अजय बजाज पटना के रहने वाले बताये जाते हैं। कोडरमा में सरिया के कारोबारी हैं। वे किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं हैं, लेकिन कई राजनीतिक दलों के नेताओं से संपर्क में रहते हैं। बीजेपी नेताओं का कहना है कि किसी राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से या फिर सुनील तिवारी को बदनाम करने के लिए यह पोस्ट किया है। ………………………………………………………………………………………… क्या लिखा है अजय बजाज ने…………………………………………………. अजय बजाज ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि झारखंड भाजपा का इतिहास जनलोकल्याण व जनहित से जुड़ा रहा है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश में पार्टी के एक बड़े पद पर बैठे नेताजी का करीबी, जो खुद को उनका राजनीतिक सलाहकार बताता है जो पूर्व में दुमका का एक पत्रकार हुआ करता था। कालांतर में रांची में शिफ्ट होकर उपरोक्त माननीय के पद का लाभ उठाकर अपनी दुकानदारी में लगा हुआ है। वर्तमान व पूर्व की सरकार में भी ये ठेकों में बिचौलिए की भूमिका निभाता रहा है, पैसा कमाने की होड़ में शून्य से 100 करोड़ की स्वामित्व को प्राप्त कर चुका ये स्वकथित राजनीतिक सलाहकार कोई तिवारी है।. …………………………………………………………………………………………. सलाहकार से प्रदेश नेतृत्व भी दुखी……………………………………………… फेसबुक पोस्ट में अजय बजाज ने यह भी लिखा है कि ऐसा बताया जाता है इन्हें अपने निजी लाभ के लिए गलत काम कराने में भी माहिर माना जाता है। काला धन कमाने के प्रयोजन में इस तिवारी की मार्केटिंग की भूमिका में हर प्रकार के छल प्रपंच के तरीके अपनाए जाते हैं। प्रदेश नेतृत्व भी इस तथाकथित राजनीतिक सलाहकार से दुखी है परंतु माननीय नेता जी की भावना का सम्मान करते हुए कोई कड़ा निर्णय नही ले पाता है।