Ranchi : राज्य में 10 फरवरी से 20 फरवरी तक कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा. इस दौरान एक करोड़ 8 लाख 18 हज़ार 177 बच्चों को एल्बेंडाजोल दवा दी जाएगी.
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सहिया और आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा दवाएं दी जाएगी
स्कूल बंद होने की वजह से इस बार भी पिछले साल की तरह सहिया और आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा दवाएं दी जाएगी. एनएचएम डायरेक्टर रवि शंकर शुक्ला ने बताया कि कृमि मुक्ति दिवस का कार्यक्रम राज्य के 16 जिलों में मनाया जाएगा.
सेविका घर-घर जाकर बच्चों को दवाई देंगी
सहिया और आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर बच्चों को दवाई देंगी. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य झारखंड में सभी बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण विकास और जीवन में गुणवत्ता की सुधार के लिए उन्हें कृमि मुक्त करना है. आमतौर पर यह देखा गया है कि कृमि संक्रमित बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
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इन जिलों में दी जाएगी दवा
एनएचएम डायरेक्टर रविशंकर शुक्ला ने बताया कि राज्य के 16 जिलों में कृमि मुक्ति के लिए दवाएं दी जाएगी. इस चरण में झारखंड के चतरा, देवघर, दुमका, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, हजारीबाग, खूंटी, कोडरमा, लोहरदगा, पाकुड़, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, रांची और सिमडेगा में दी जाएगी.
सहिया और सेविका करेंगी दवा का वितरण
शहरी क्षेत्रों में शहरी क्षेत्र की सहिया और आंगनबाड़ी सेविका को 1 से 19 साल के सभी बच्चों को कृमि मुक्ति की दवाई खिलाने कि लिए सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही आईएफए संपूर्ण, आईएफए सिरप, आईएफए गुलाबी गोली, तथा आईएफए नीली गोली भी वितरित करने के निर्देश हैं. उन्हें यह निर्देश दिया गया है कि यदि किसी घर में कोई मरीज है तब ऐसी परिस्थिति में मरीज के स्वास्थ्य होने के बाद संक्रमण मुक्त होने की दवा दी जाएगी.
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ऐसे दी जाएगी दवा
1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली को पूरी तरह चम्मच से चूर कर स्वच्छ पानी में मिलाकर चम्मच से पिलाया जाएगा. 2 से 3 वर्ष तक के बच्चों को पूरी एक गोली चूर कर पानी के साथ दी जाएगी. वही 3 से 19 वर्ष तक के बच्चों को पूरी एक गोली चबाकर पानी के साथ खिलाया जाना है.
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