- केंद्रीय वित्त मंत्री के राजस्थान मामले में इनकार के बाद चिंता बढ़ी, एनएसडीएल वापस भी कर देती है तो 8 प्रतिशत इंटरेस्ट कौन देगा. बड़ा सवाल…
- 17 हजार करोड़ राज्य का अंशदान केंद्र ने नहीं लौटाया, तो इतने पैसे अफसर-कर्मियों को राज्य जीपीएफ में जमा कराना होगा, तभी मिलेगा ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ
Kaushal Anand
Ranchi : केंद्र-राज्य की लड़ाई और न्यू-ओल्ड पेंशन स्कीम के चक्कर में राज्य के अफसर-कर्मी बुरी तरह फंसने जा रहे हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री ने राजस्थान मामले में राज्य का पेंशन स्कीम में जमा राज्यांश लौटाने से साफ मना कर दिया है. इतना ही नहीं केंद्रीय वित्त मंत्री ने इतना तक स्पष्ट कर दिया है कि अगर राज्य सरकार पुरानी पेंशन स्कीम लागू करती है, तो पेंशन मद से इनकम टैक्स में 20 प्रतिशत तक मिलने वाला लाभांश भी देना बंद कर देगी. यह राशि भी राज्य सरकार को वहन करना होगा. ऐसे में अब साफ हो चुका है कि न केवल अफसर-कर्मी बल्कि राज्य सरकार भी बुरी तरह फंसने जा रहे हैं. झारखंड के अफसर और कर्मियों के करीब 17 हजार करोड़ रुपये जमा है. यह राशि राज्य सरकार एनएसडीएल से मांग कर रही है. मतलब साफ है कि केंद्र सरकार यह राशि वापस नहीं करेगी और राज्य सरकार यह राशि अफसर-कर्मियों को नहीं देगी. ऐसे में यह पूरी राशि अब राज्य सरकार के अफसर और कर्मियों को राज्य जीपीएफ कोष में कोषागार के जरिए जमा कराना होगा. (पढ़ें, 2010 बैच के नौ आईपीएस अधिकारियों को मिली सलेक्शन ग्रेड प्रमोशन)
ऐसे समझे कैसे उलझेंगे अफसर-कर्मी
- 2004 और इसके पहले नियुक्त हुए तृतीय व चतुर्थवर्गीय कर्मियों की संख्या करीब 1.15 लाख, वहीं राज्य सरकार के गजेटेड अफसरों की संख्या करीब 30 हजार है.
- राज्य सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम का फायदा 2004 के बाद नियुक्त हुए कर्मियों और अफसरों को देने का फैसला लिया है.
- राज्य सरकार यह ओल्ड पेंशन स्कीम 1 सितंबर 2022 से लागू करने का ऐलान किया है.
- राज्य सरकार के वित्त विभाग ने 31 दिसंबर तक विकल्प चुनते हुए शपथ पत्र जमा करने का निर्देश दिया है. जिसमें आज की तिथि तक 90 प्रतिशत कर्मियों से अधिक ने शपथ पत्र जमा कर दिया है. मगर अब केंद्र सरकार के इनकार के बाद अब ये क्या करेंगे, कहां से अपनी पेंशन स्कीम में जमा राज्य सरकार का अंशदान जमा करायेंगे. क्योंकि बिना अंशदान जमा कराये इन्हें ओपीएस का लाभ नहीं मिलेगा.
- पेंशन स्कीम में राज्य सरकार 14 और केंद्र सरकार 14 प्रतिशत अंशदान जमा कराती है. जिसमें कुल 28 प्रतिशत पर 8 प्रतिशत इंटरेस्ट मिलता है. अब नयी पेंशन स्कीम से हटने के बाद केंद्र अपने हिस्से का अंशदान और रेट ऑफ इंटरेस्ट देगी या नहीं .
- इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने यहां तक कह दिया है कि अगर राज्य सरकारें ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करती है तो पेंशन पर मिलने वाले इनकम टैक्स का 20 प्रतिशत लाभांश भी नहीं देगी. इसका बोझ भी राज्य सरकार पर पडेगा. अ
पेंशन स्कीम में 2004 के बाद अफसर और कर्मियों की पेंशन स्कीम में जमा हो चुके हैं इतने पैसे
- राज्य सरकार के तृतीय एवं चतुर्थवर्गीय कर्मियों के ग्रेड एवं पे स्केल के अनुसार प्रति कर्मी 3 से 5 लाख रुपये
- राज्य सरकार के गजेटड अफसरों का ग्रेड एवं पे -स्केल के अनुसार 10 लाख से से एक करोड़ रुपये तक.
केंद्र के इनकार के बाद ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर पाना संभवन नहीं : मेहता
प्रधान महालेखाकार के सेवानिवृत्त निजी सचिव एके मेहता का कहना है कि केंद्र सरकार के इनकार के बाद अब झारखंड क्या किसी भी राज्य सरकार के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करना संभव नहीं हो सकेगा, क्योंकि मसला केवल राज्य सरकार के अंशदान तक सीमित नहीं है. पेंशन राशि पर कुल 28 प्रतिशत लाबांश का मामला फंसेगा. पेंशन मद में जमा राशि पर मिलनेवाला 8 प्रतिशत ब्याज, पेंशन राशि पर इनकम टैक्स मद में मिलने वाले 20 प्रतिशत लाभांश पर भी मामला फंसेगा. चूंकि राज्य सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि या तो एनएसडीएल राज्य का राज्यांश ट्रांसफर करे या फिर कर्मी इस राशि को जमा कराएं. ऐसे में अब यह पूरा मामला बुरी तरह से तरह से उलझ चुका है.
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