LagatarDesk : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की अर्थव्यवस्था में आयी गिरावट पर अपनी चिंता व्यक्त की है. अर्थव्यवस्था की लिहाज से पी चिदंबरम ने 2021-21 को पिछले चार दशक का ‘सबसे अंधकारमय’ साल करार दिया है. पी चिदंबरम ने कहा कि तिमाही के आंकड़े अर्थव्यवस्था की कहानी बयां करते हैं.
सरकार को सुननी चाहिए विपक्ष और अर्थशास्त्रियों की सलाह
पी चिदंबरम ने सरकार को 2021-22 में इस तरह की स्थिति से बचने के लिए उपाय भी बताये. उन्होंने कहा कि यदि सरकार अपनी गलतियां स्वीकार करते हैं तो वित्त वर्ष 2021-22 में इससे बचा जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को विपक्ष और अर्थशास्त्रियों की सलाह सुननी चाहिए. अपनी नीतियां बदलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सबसे चिंताजनक बात यह है कि प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद एक लाख रुपये से नीचे चला गया है. उन्होंने सरकार पर आरोप भी लगाया है कि सरकार के ‘अकुशल और अक्षम आर्थिक प्रबंधन’ से हालात और बिगड़ गये हैं.
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पिछले साल की तुलना में जीडीपी 10 लाख करोड़ घटा
पी चिदंबरम ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी. उन्होंने कहा कि जिसका अनुमान लगाया जा रहा था आखिर वही हुआ. चिदंबरम ने बताया कि 2018-19 में जीडीपी 1,40,03,316 करोड़ थी. वहीं 2019-20 में 1,45,69,268 करोड़ रुपये थी. 2020-21 में यह घटकर 135,12,740 करोड़ हो गयी..
वित्त वर्ष 2020-21 में 7.3 प्रतिशत की आयी गिरावट
देश की अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2020-21 में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आयी है. 2020-21 की चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च में जीडीपी ग्रोछ रेट 1.6 फीसदी रही. पिछली तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर, 2020 में यह 0.5 प्रतिशत से अधिक थी. जबकि वित्त वर्ष 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी में 3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी थी.