Munger: जिले में धरहरा प्रखंड के नक्सल प्रभावित बंग्लवा पंचायत के कोठवा गांव में सोमवार को विषाक्त प्रसाद खाने से 250 लोग बीमार हो गए. इसमें से 60 से अधीक बच्चे भी शामिल हैं. इसमें कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद दो घंटे बाद मेडिकल टीम तीन एंबुलेंस के साथ गांव पहुंची. स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रसाद का सैंपल लिया है. जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी, फिलहाल स्वास्थ्य विभाग इसे फूड प्वायजनिंग का मामला बताया है. ज्यादातर बच्चों और बड़ों का इलाज गांव में शुरू किया गया. जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है उन्हें इलाज के लिए धरहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया.
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विषाक्त प्रसाद खाने से 250लोग बीमार
दरअसल, कोठवा गांव निवासी महेश कोड़ा के घर पर दोपहर तीन बजे पूजा थी. बड़ी संख्या में लोग प्रसाद खाने गए. प्रसाद खाने के बाद जब लोग घर लौटे तो डेढ़ घंटे बाद लोगों के पेट में दर्द होने लगा, फिर उल्टी और पेट खराबी की समस्या शुरू हो गई. रात में धरहरा जाने का कोई साधन नहीं देख ज्यादातर लोगों ने गांव के ही तथाकथित डॉक्टर से इलाज करावाया. देररात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से चिकित्सक डा.एन.के.मेहता स्वास्थ्यकर्मियों के साथ तीन एंबुलेंस से गांव पहुंचे. स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में ही कैंप कर रही है.
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गांव से अस्पताल तक मची अफरातफरी
गांव में तबीयत खराब होने की खबर सुनते ही लोगों ने पुलिस को सूचना दी. लड़ैयाटांड पुलिस भी रात नौ बजे के आसपास पहुंची. घटना के बाद कोठवा गांव में अफरातफरी मच गई. गंभीर लोग अस्पताल आने के बाद भी दर्द से कराहते रहे. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर स्वजनों ने शाेर-शराबा भी किया. डाक्टर व स्वास्थ्यकर्मी भाग-भागकर मरीजों का इलाज करने में लगे. अस्पताल के बड़े अधिकारी भी कर्मियों को निर्देश दे रहे थे. मौके पर पहुंचे डा. महतो ने बताया कि फूड प्वायजनिंग का केस लग रहा है, जांच के बाद पता चलेगा.
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प्रसाद खाने से बिगड़ी तबीयत – पीड़ित
इस घटना में पीड़ित गांव के ही मनोज कोड़ा, महेश कोड़ा, धीरेंद्र कोड़ा, केदार पासवान, रवींद्र कोड़ा, परमानंद मांझी, सिंघेश्वर कोड़ा, जागो कोड़ा, पवन कोड़ा सहित अन्य ने बताया कि प्रसाद खाने के कुछ घंटे बाद तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई। घंटों बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची.
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