LagatarDesk: आज से 4 साल पहले इसी दिन 8 नवंबर 2016 को भारत में नोटबंदी हुई थी. 4 साल बीत गये लेकिन अभी भी लोग किराना का सामान और अन्य छोटे सामान खरीदने के लिये नकद का ही उपयोग कर रहे हैं. किराना का सामान अन्य छोटे सामान खरीदने में नकद के उपयोग में 36% की बढ़ोतरी हुई है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए आज से चार साल पहले यह लागू किया गया था.उनका मानना था कि नोटबंदी के फैसले से कालेधन पर अंकुश लगा है और प्रत्यक्ष कर संग्रह में भी बढ़ोतरी हुई है. और इसके साथ ही डिजिटल इकोनॉमी को बहुत अधिक मजबूती मिली है.
To fulfill its promise of freeing India from corruption, the Modi govt implemented Demonetisation 4 years ago on this day, today. The move that was an unprecedented attack on Black Money also led to better tax compliance and a major push to digital economy. #DeMolishingCorruption
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) November 8, 2020
वित्त मंत्री ने नोटबंदी के अन्य फायदों को गिनाते हुए कहा है कि इस कदम के बाद इनकम टैक्स भरने वाले नये लोगों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है. इसके साथ ही नोटबंदी के बाद कॉरपोरेट टैक्स रिटर्न की संख्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिली. उन्होंने यह भी कहा कि नोटबंदी के बाद लगातार शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह और Direct Tax To GDP Ratio में सुधार देखने को मिला है.
#DeMolishingCorruption pic.twitter.com/WK8jE5YOPU
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) November 8, 2020
नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर असर
नोटबंदी का भारत की अर्थव्यवस्था पर बहुत ही बुरा असर पड़ा है. देश की जीडीपी बढ़ने के बजाय और घटा है. 2016 में जीडीपी का ग्रोथ रेट 8.1% था, वहीं 2020-21 में यह घटकर -23.9% हो गयी है. इस नोटबंदी का आम जनता पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है. इससे कई छोटे-छोटे कारोबारियों का कारोबार बंद हो गया और कई लोगों की नौकरी चली गयी.
नोटबंदी के बाद नकद सर्कुलेशन में बढ़ोतरी
नवंबर 2016 के बाद से देश में नगदी का सर्कुलेशन और अधिक बढ़ गया है. 4 नवंबर 2016 को देश में 17.97 करोड़ रुपये की नगदी सर्कुलेशन में थी, जो अब 52% बढ़कर 25.85 लाख करोड़ रुपये हो गया है. मोदी सरकार नगदी सर्कुलेशन को कम करने की कोशिश कर रही थी. लेकिन ऊपर दिये गये डाटा से तो लगता नहीं कि इससे सर्कुलेशन कम हुआ बल्कि और बढ़ा ही है.
मोदी सरकार ने नोटबंदी करने का कारण नकद सर्कुलेशन को कम करके कालाधन पर अंकुश लगाने को बताया लेकिन कालाधन तो कोई नकद में रखेगा नहीं. कालाधन तो सोना-चांदी, लैंड और प्रोपर्टी के रुप में रखा गया था. नोटबंदी करके फिर फायदा क्या हुआ, कुछ भी नहीं. जिसके पास कालाधन था वो तो उसके पास रह ही गया. इससे परेशानी किसी को हुई हो या नहीं आम जनता को इस फैसले से परेशानी का सामना करना पड़ा था.