New Delhi : सुप्रीम कोर्ट को पांच नए जज मिलेंगे. राष्ट्रपति ने 5 जजों की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति का आदेश जारी किया है. इसमें राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मिथल, पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल, मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीवी संजय कुमार, पटना हाईकोर्ट के जज अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज मनोज मिश्रा का नाम शामिल है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 13 दिसंबर को सरकार से 5 नामों की सिफारिश की थी. सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या CJI समेत 34 है. 5 जजों की नियुक्ति के बाद अब 32 जज हो गए हैं. अभी भी दो पोस्ट खाली हैं. सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के 24 घंटे के भीतर ही केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी. कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्विटर पर इसकी जानकारी शेयर की. उन्होंने लिखा कि भारत के संविधान के तहत राष्ट्रपति ने हाईकोर्ट के पांच जजों को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति किया है. मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं.
The following senior most Judges of the High Courts of Rajasthan, Patna and Manipur are appointed as Acting Chief Justices of the respective High Courts.
I extend best wishes to all of them. pic.twitter.com/LJVbroWTSV— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) February 4, 2023
सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जतायी थी
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जजों की नियुक्ति में देरी पर नाराजगी जताई थी. कोर्ट ने सरकार से कहा कि ये बेहद गंभीर मामला है. हमें ऐसा स्टैंड लेने पर मजबूर न करें, जिससे परेशानी हो. इस पर केंद्र ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया कि भेजी सिफारिश अगले पांच दिन में मंजूर हो जाएगी. जिस कॉलेजियम पर यह पूरा विवाद हो रहा है, वह हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति और ट्रांसफर की प्रणाली है. कॉलेजियम के सदस्य जज ही होते हैं. वे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को नए जजों की नियुक्ति के लिए नामों का सुझाव भेजते हैं. मंजूरी मिलने के बाद जजों को अपॉइंट किया जाता है. 16 जनवरी को कानून मंत्री किरण रिजिजू ने CJI को पत्र लिखकर कॉलेजियम में अपना प्रतिनिधि शामिल करने की बात कही थी. केंद्र के रुख का जवाब देने के लिए CJI की अगुआई में कॉलेजियम ने तय किया कि इस बार सारे मामले को सार्वजनिक किया जाए.
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