Chulbul
Ranchi: भू-अर्जन, भू-अभिलेख और परिमाप निदेशालय झारखंड ने राज्य में भारी संख्या में दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) के मामलों की अस्वीकृति पर निराशा जतायी थी. इसके लिए उन्होंने सभी जिलों के डीसी को दाखिल-खारिज वादों की अस्वीकृति के पीछे का कारण पूछा था. इसमें विभाग ने जिलों से मात्र एक सप्ताह में रिजेक्ट किए गए दाखिल-खारिज मामलों की रिपोर्ट मांगी थी, जो कि 10 सितंबर से लेकर 17 सितंबर तक की थी. इसपर रांची जिले ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है. जिले के 22 अंचलों से 76 दाखिल-खारिज के मामलों को अस्वीकृत किया गया है. इसमें सबसे ज्यादा अस्वीकृत मामले बड़गाई अंचल के हैं. वहीं सात अंचलों में एक भी मामलों को रिजेक्ट या अस्वीकृत नहीं किया गया है.
इसे भी पढ़ें- निशिकांत पर एक दिन में पांच FIR के खिलाफ बीजेपी आयी एक्शन में, देवघर डीसी की शिकायत लेकर पहुंचे चुनाव आयोग
किस अंचल में कितने मामलों को किया गया अस्वीकृत
अंचल अस्वीकृत हुए दाखिल-खारिज मामलों की संख्या
- अनगड़ा- 7
- अड़गोड़ा- 2
- इटकी- 5
- ओरमांझी- 0
- कांके – 0
- खलारी- 0
- चान्हो- 7
- तमाड़- 0
- नगड़ी- 5
- नामकुम- 3
- बेड़ो- 3
- बुड़मू- 2
- मांडर- 7
- राहे- 0
- सिल्ली- 3
- सोनाहातू- 0
- हेहल- 0
- बुंडू – 1
- बड़गाई- 31
- रातू – 0
- लापुंग- 0
आवेदन क्यों हुए अस्वीकृत
जिले के 22 अंचलों से 76 दाखिल-खारिज के मामलों को अस्वीकृत किया गया है. इसमें कई मामले पर प्रक्रिया जारी है. कई मामलों में लोगों ने सही या पूरे दस्तावेज नहीं जमा किए थे. तो वहीं कुछ मामले ऐसे भी हैं, जिसमें पहले गलत जानकारी डाल दी गयी थी और सुधार का विकल्प नहीं होने के कारण सुधार नहीं किया जा सका और मामले को रिजेक्ट कर दिया गया. बड़गाई में सभी 31 मामलों में सुधार का विकल्प नहीं होने के कारण ही रिजेक्ट किए गए थे.
इसे भी पढ़ें- कार्यकर्ता सम्मेलन में बोले दीपक प्रकाश- सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए पार्टी तेज करेगी संघर्ष
10 से 17 सितंबर तक दाखिल-खारिज वादों में अस्वीकृत का प्रतिशत 78.04
आपको बता दें कि भू-अर्जन विभाग ने बीते 25 सितंबर को सभी जिलों के डीसी को पत्र लिख दाखिल-खारिज मामलों की अस्वीकृति का कारण पूछा था. विभाग ने कहा था कि स्टेट एनआईसी के आनलाइ डेटा के अनुसार 10 सितंबर से लेकर 17 सितंबर तक दाखिल-खारिज वादों में अस्वीकृत का प्रतिशत 78.04 है. यह आंकड़ा नेशनल जेनरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एनजीडीआरएस) पोर्टल के अनुसार है. इसपर विभाग ने काफी निराशा जतायी थी.