Nitesh Ojha
Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि हमारी संस्कृति में पेड़ और जंगल हमारी पहचान है. बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत राज्य के 24 जिलों में कई हजार एकड़ में फलदार पौधें लगाए गए हैं. यह प्रक्रिया अभी भी जारी है. बड़े-बड़े भूखंड में आप फलदार पेड़ लगाएं. 50 एकड़ तक की भूमि पर फलदार पेड़ लगायें, सरकार आपकी मदद देगी. उन्होंने कहा, टाना भगत परिवारों को पहले साल में कपड़ों के लिए 4,000 रुपये मिलता था, जिसे बढ़ाकर हमने 8,000 रुपये किया. इनके लिए गेस्ट हाउस बनाया गया. खेती-बाड़ी में उपयोग किये जाने वाले उपकरण भी दिये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री बुधवार को लोहरदगा के बीएस कॉलेज स्टेडियम परिसर में आयोजित बिरसा हरित ग्राम योजना सम्मान समारोह एवं परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम में बोल रहे थे.
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ग्रामीण क्षेत्रों में कोल्ड स्टोरेज एवं बाजार प्रबंधन की व्यवस्था होगी
मुख्यमंत्री ने कहा, किसानों द्वारा पैदा किये गये कृषि उत्पादों का उचित मूल्य मिल सके, इसके लिए सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में कोल्ड स्टोरेज एवं बाजार प्रबंधन की व्यवस्था करेगी. सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में फूड प्रोसेसिंग यूनिट बनाएगी. किसानों को फूड प्रोसेसिंग उद्योग से जोड़ा जाएगा. हेमंत सोरेन ने कहा, राज्य के लोग बागवानी में सिर्फ आम का ही नहीं बल्कि पपीता, नींबू, आंवला, लीची, सखुआ, कटहल इत्यादि पेड़ भी लगाएं. आपके पास 1 एकड़ जमीन हो या 50 एकड़, राज्य सरकार बागवानी के लिए आपको मदद करेगी.
बिरसा हरित ग्राम योजना से संबंधित पुस्तक का विमोचन किया
बिरसा हरित ग्राम योजना सम्मान समारोह में लोहरदगा, खूंटी, गुमला, रांची एवं लातेहार जिला के लाभुकों के बीच प्रशस्ति पत्र बांटा गया. वित्तीय वर्ष 2022-23 के नए लाभुकों को स्वीकृति पत्र एवं इन जिलों के लाभुकों के बीच फलदार पौधों का वितरण किया गया. इस अवसर पर बिरसा हरित ग्राम योजना से संबंधित पुस्तक का विमोचन भी किया गया. मौके पर वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम, राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू, गुमला विधायक भूषण तिर्की, सहित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.
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