Ranchi : राज्य के शहरी इलाकों में कोरोना कहर बनकर बरपा है. ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना फैल गया है. ग्रामीण स्वास्थ्य की व्यवस्था भी बहुत ज्यादा बेहतर नहीं है. ऐसे में राज्य सरकार ग्रामीणों के स्वास्थ्य को लेकर सचेत हो गयी है. झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस को ट्रेस करने के लिए 8600 स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर संक्रमित मरीजों की पहचान करेगी. पहचान करने के बाद उन मरीजों का इलाज कराया जाएगा. राज्यभर में यह अभियान 5 जून तक चलेगा.
बता दें कि देशभर के विभिन्न इलाकों से ग्रामीण क्षेत्रों में लोग लौटे हैं. कई लोगों ने जांच नहीं कराया है और सीधा घर चले गए हैं. जिसके बाद कई लोगों के बीमार होने की भी बातें सामने आयी है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने यह फैसला लिया है ताकि ग्रामीण क्षेत्र में इस संक्रमण का फैलाव ना हो, और जो संक्रमित हैं उनका सही से इलाज हो सके. सभी टीम में सेविका, सहिया और नर्स होंगी.]
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विभाग ने पंचायत के मुखिया और सेल्फ हेल्प ग्रुप के साथ किया वीसी
ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए स्वास्थ्य महकमा भी अलर्ट हो गया है. विभाग के द्वारा राज्य के विभिन्न पंचायतों के मुखिया और सेल्फ हेल्प ग्रुप के सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग किया गया है. 5 जून तक 50 लाख लोगों की जांच की जाएगी. किसी में कोरोना का लक्षण दिखता है तो उनका इलाज किया जाएगा.
समय पर नहीं हुआ जांच तो कई गांव होंगे कोरोना हॉटस्पॉट
आईसीसी के वरीय पदाधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि राज्य के कुछ पंचायत ऐसा है, जहां खतरा कम है. लेकिन सही समय पर जांच नहीं हुआ तो आने वाले समय पर वो गांव कोरोना का हॉटस्पॉट बन जाएगा. इसलिए यह अभियान चलाया गया है. ताकि समय रहते ग्रामीणों की जांच की जा सके. उन्होंने कहा कि वर्तमान में पॉजिटिविटी रेट 22% से घटकर 3% पर पहुंच गया है.
मनरेगा मजदूरों को किया जा रहा है प्रशिक्षित
वहीं इस काम के लिए 8 हजार मनरेगा मजदूरों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है. ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ताकि इनकी मदद ग्रामीण क्षेत्र में लोगों की जांच में ली जा सके.
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