- बीजेपी एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में रखा गया राजनीतिक प्रस्ताव
- सभी राज्यों में एसटी आयोग और एसटी वित्त निगम की हो स्थापना
- 15 नवंबर को पूरे देश में बिरसा मुंडा की जयंती राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाने की मांग
Ranchi: पीएम मोदी के कार्यकाल में पिछले सात साल में 93 आईएएस और 81 आईपीएस जनजाति समुदाय से चयनित हुए हैं. जबकि 26 जनवरी 1950 में संविधान लागू होने के बाद अगले चार सालों तक भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में एक भी जनजाति समुदाय के युवा के चयन नहीं हुआ था, लेकिन आज देश में अनुसूचित जाति के 252 आईएएस और 170 आईपीएस अधिकारी हैं. बीजेपी एसटी मोर्चा ने इस उपलब्धि को रांची में आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति के राजनीतिक प्रस्ताव में रखा है. राजनीतिक प्रस्ताव में मोर्चा ने यह भी कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अनुसूचित जनजाति आयोग और जनजाति वित्त निगम का गठन किया जाए.
राज्य सरकार पर राज्यपाल के अधिकारों का अतिक्रमण करने का भी आरोप
राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया कि राज्य सरकार ने टीएसी गठन में राज्यपाल के अधिकारों का अतिक्रमण किया है. इस सरकार के आते ही कानून व्यवस्था खराब हुई है. पश्चिम सिंहभूम में 11 आदिवासियों का सिर काटकर निर्मम हत्या कर दी गयी. दारोगा रूपा तिर्की हत्या हुई. वहीं पूर्व की रघुवर सरकार द्वारा जनजातियों के लिए शुरू की गयी कई योजनाओं को भी इस सरकार ने बंद कर दिया.
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3 करोड़ से अधिक आदिवासी परिवारों को मिला मुफ्त गैस कनेक्शन
बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राजनीति प्रस्ताव में कहा गया कि मोदी सरकार आदिवासी समाज के उत्थान के लिए काम कर रही है. उज्ज्वला योजना के तहत तीन करोड़ से अधिक जनजातीय परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और आयुष्मान भारत योजना से लाखों जनजातीय समुदाय को चिकित्सा सुविधा मिल रही है. अनामय योजना के तहत 177 आदिवासी बहुल जिलों में कुपोषण की समस्या को खत्म किया जा रहा है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से छोटे और सीमांत जनजाति किसानों को आर्थिक सहायता मिल रही है.
वनधन योजना से उत्पादों पर आदिवासियों को मिल रहा उचित मूल्य
वहीं प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना से अनुसूचित जनजाति समाज के 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को 3000 रुपये महीने पेंशन मिल रही है. वनधन योजना के कारण जनजाति समुदाय को अपने उत्पादों पर उचित मूल्य मिल रहा है. ट्राइफेड योजना से जनजाति बेरोजगार युवकों और युवतियों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित हुआ है. पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना से देश के 20 हजार गांवों तक बिजली पहुंचायी गयी.
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देशभर में 271 एकलव्य आवासी विद्यालय किये गये स्वीकृत
मोर्चा ने राजनीतिक प्रस्ताव में कहा कि मोदी सरकार ने आजादी के बाद पहली बार अनुसूचित जनजाति समुदाय के 8 सांसदों को केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी. अनुसूचित जनजाति के सामाजिक, आर्थिक विकास के लिए देश में 9 जनजातीय अनुसंधान केंद्र खोले गये. एसटी समाज के लिए देशभर में 271 एकलव्य आवासीय विद्यालय स्वीकृत किये गये, जिसमें 190 का निर्माण शुरू हो चुका है. अनुसूचित जनजाति समाज के स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में उनकी प्रतिम, संग्रहालय और उनके गांवों को मॉडल गांव बनाकर केंद्र सरकार द्वारा विकास किया जा रहा है. दो करोड़ जनजाति समुदाय के युवाओं को आर्थिक रूप से समृद्ध करने के लिए मुद्रा योजना के तहत 40 हजार करोड़ रुपये का ऋण आवंटन किया जा रहा है.