Ranchi: ईडी ने CM हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर रेड मारी. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने 18 ठिकानों पर छापा मारा. इसमें अबतक 5.32 करोड़ रुपये बरामद किये गए हैं. वहीं कई ठिकानों पर कार्रवाई अभी भी चल रही है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
ED seized Rs 5.32 crore cash after it conducted raids at about 18 locations in Jharkhand as part of money laundering investigation against Pankaj Mishra, political representative of CM Hemant Soren, and those linked to him: Officials
— Press Trust of India (@PTI_News) July 9, 2022
पंकज मिश्रा से पूछताछ के बाद ईडी ने छोड़ा
ईडी ने पंकज मिश्रा से प्रारंभिक पूछताछ करने के बाद उन्हें छोड़ दिया है. जानकारी के मुताबिक, पंकज मिश्रा को ईडी ने उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग से हिरासत में लिया था. जिसके बाद उनसे पूछताछ की गई थी. बता दें की ED की अलग-अलग टीम शुक्रवार को पंकज मिश्रा समेत कुल 15 लोगों के यहां छापेमारी की थी. ईडी के पदाधिकारी अपने साथ सुरक्षा के मद्देनजर बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवानों को साथ लेकर गए थे. छापेमारी इतनी गोपनीय तरीके से की गई कि स्थानीय थाना को ED की छापेमारी की भनक तक नहीं लगी. समझा जा रहा है कि राज्य में हाल के दिनों में ईडी की यह सबसे बड़ी छापेमारी है.
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इन लोगों के ठिकाने पर ईडी ने की छापेमारी
ईडी ने जिन लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की है उसमें हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का आवास, कार्यालय, पत्थर कारोबारी बेदू खुडानिया, गंगा नदी पर जहाज संचालक दाहू यादव के शोभनपुर भट्ठा, बंगाली टोला के व्हाइट हाउस, छोटू यादव के जयप्रकाश नगर, कन्हैया खुडानिया के चौक बाजार, भरतिया कॉलोनी, साहिबगंज के जेवर कारोबारी संजय दीवान के चौक बाजार, टिंकल भगत, पतरू सिंह, राजीव कुमार, राजू भगत के मिर्जा चौकी, भगवान भगत, भावेश भगत, कृष्णा साह, सुब्रतो पाल के बरहड़वा, सोनू सिंह के राजमहल और निमाय सील के बरहेट स्थित आवास शामिल हैं. दाहू यादव साहिबगंज-मनिहारी के बीच गंगा नदी पर जहाज का संचालन करते हैं. संजय दीवान आभूषण की दुकान चलाते हैं.
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंकज मिश्रा पर केस दर्ज किया था
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंकज मिश्रा पर बीते चार जून को केस दर्ज किया था. उन पर साहिबगंज जिले के बरहरवा थाने में वर्ष 2020 में प्राथमिकी दर्ज किया गया था. इसी के तहत उन्हें अभियुक्त बनाया गया है. इस मामले में ईडी ने शंभु नंद कुमार का बयान भी दर्ज किया था. शंभु ने ईडी को दिये अपने बयान में राज्य के कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम का नाम लिया था.
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इडी ने बरहरवा केस को किया टेकओवर
साहिबगंज जिले के बरहरवा में जून 2020 के टेंडर विवाद में एक केस दर्ज किया गया था. जिसे इडी ने टेकओवर कर लिया है. बड़हरवा का यह केस शंभु नंदन कुमार उर्फ शंभु भगत ने दर्ज कराया था. उन्होंने टेंडर विवाद के मामले में बड़हरवा थाने में मंत्री आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा के इशारे पर मारपीट करने की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. लेकिन दोनों ही आरोपियों को साहिबगंज पुलिस ने क्लीन चिट दे दी थी.
मंत्री के भाई की कंपनी टेंडर में थी शामिल
शंभु नंदन ने इडी को बताया कि मंत्री आलमगीर आलम के भाई की कंपनी नगर पंचायत बड़हरवा में वाहन प्रवेश शुल्क वसूली के टेंडर में शामिल थी. उक्त कंपनी ने एक डमी कंपनी खड़ी कराकर पांच करोड़ रुपये तक की बोली लगवा दी. बाद में पैसा जमा नहीं कराने पर आलमगीर की कंपनी को ठेका मिला. उसने 1.46 करोड़ की बोली लगायी थी. शंभु ने यह भी बताया कि उन्हें इसकी भनक थी, इसलिए उन्होंने इस ठेके को 1.80 करोड़ में ले लिया. शंभु ने 22 अप्रैल को इडी में आवेदन देकर पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया था कि कुछ संदिग्ध लोग उनका पीछा कर रहे हैं.
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