भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष ने डीएसई समेत वरीय अधिकारियों से की जांच की मांग
Dhanbad : बीपीएल बच्चों के नामांकन विवाद का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रीता प्रसाद ने 31 जुलाई को उपायुक्त को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की है. पत्र में जिक्र है कि धनबाद के चार स्कूलों डीएवी कोयला नगर, धनबाद पब्लिक स्कूल केजी आश्रम, धनबाद पब्लिक स्कूल (हीरक ब्रांच) और दिल्ली पब्लिक स्कूल में बीपीएल कोटे के तहत चयनित आवेदकों के घर से विद्यालय की दूरी तथा संलग्न सभी कागजातों की जांच कराकर वरीयता के आधार पर सूची निर्गत की जाए. पत्र की प्रतिलिपि डीएसई सह नोडल पदाधिकारी आरटीई धनबाद, झारखंड शिक्षा परियोजना रांची के निदेशक, प्रधान सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग रांची और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष को भी भेजी गई है.
डीएवी स्कूल जामाडोबा में भी चयन पर खड़ा हुआ प्रश्नचिह्न
वहीं बीपीएल कोटे के तहत नामांकन मामले में झारखंड अभिभावक संघ के महासचिव मनोज मिश्रा ने भी मोर्चा खोल रखा है. उन्होंने बताया कि बीपीएल कोटे के तहत टाटा डीएवी स्कूल जामाडोबा में 20 आवेदकों का चयन किया गया है. इनमें से 10 आवेदकों के विद्यालय से आवास की दूरी 1 किमी से अधिक है. इसके अलावा कुछ वैसे आवेदक हैं, जो उम्र और नाम बदलकर पुन: इस वर्ष बीपीएल कोटे के तहत नामांकन का आवेदन दिया है.
जिन 20 आवेदकों का चुनाव हुआ है, उनमें 15 वैसे आवेदक हैं जिनके अभिभावकों की वार्षिक आमदनी आय प्रमाण पत्र में 71 हजार 900 रुपए दर्शाया गया है. एक ही तरह की आमदनी दर्शाया जाना भी जांच का विषय है. अलग-अलग क्षेत्रों से अलग-अलग आवेदकों की कुल वार्षिक आय 71 हजार 900 रुपया कैसे है? इससे लगता है कि आय प्रमाण पत्र बनाने में दलाल संलिप्त हैं, जो रुपए लेकर कागजात बना देते हैं. इसके साथ ही 15 आवेदकों द्वारा जमा किया गया जाति प्रमाण पत्र जरूरी कागजात जमा कर बनाया गया या नहीं, यह भी जांच का विषय है.
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