Patna : बिहार में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत बच्चों को फाइलेरियारोधी दवा और कृमि की दवा एल्बेंडाजोल खिलायी जा रही है. शनिवार को भी कई स्कूलों में बच्चों को दवा खिलायी गयी. दवा खाने के बाद करीब 3000 बच्चों की तबीयत बिगड़ गयी. कुछ बच्चों को सिर दर्द, पेट दर्द और उल्टी होने लगी. वहीं कुछ बच्चे बेहोश हो गये. जिसके बाद बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के बाद सभी की तबीयत स्थिर है. मिली जानकारी के अनुसार, फाइलेरिया की दवा खाने से कैमूर के मोहनियां अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों में 1500 बच्चे बीमार पड़ गये. वहीं गोपालगंज में 200, भभुआ में 500, मुंगेर में 142, भागलपुर में 84, पूर्वी चंपारण में 54, सीतामढ़ी में 30 और खगडिया में 24 बच्चों की तबीयत बिगड़ गयी.
फाइलेरिया की दवा खाली पेट ना खाने की अपील
स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने कहा कि फाइलेरिया की दवा पूरी तरह से सुरक्षित है. दवा खाने से सामान्य लोगों पर कोई दुष्प्रभाव पड़ता है. प्रसाद ने कहा कि अगर किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं, इसका मतलब यह है कि उसके शरीर में फाइलेरिया के कृमि (माइक्रोफाइलेरिया) मौजूद हैं. दवा शरीर में मौजूद माइक्रोफाइलेरिया को नष्ट करता है, इसलिए इस तरह के लक्षण पैदा होते हैं. डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने लोगों से खाली पेट दवा ना खाने की अपील की है. कहा कि स्कूलों में बच्चों को मिड डे मिल खाने के बाद बच्चों को यह दवा खिलायी जा रही है.
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