गिरिनाथ के बाद सुनील सोरेन, घूरन, शशिभूषण, बड़कुंवर की बारी !
Ranchi: चुनाव की आहट होते ही राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के दलबदल का दौर शुरू हुआ था जो अबतक जारी है. झारखंड के कई नेताओं ने चुनाव लड़ने की इच्छा लिये पार्टी बदली थी, लेकिन दल बदलने के बाद भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी. अब ऐसे नेता अपने पुराने घर में वापस जाने के लिए छटपटा रहे हैं. 2019 में चुनाव से पहले राजद नेता और पूर्व मंत्री गिरिनाथ सिंह भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन तब भाजपा ने चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया. 2024 में टिकट मिलने की उम्मीद में उन्होंने 5 साल इंतजार किया. चतरा लोकसभा सीट से वे टिकट के दावेदार थे, लेकिन इस बार भी उन्हें निराशा हाथ लगी. अब अपने राजनीतिक करियर को बचाने के लिए उन्होंने फिर से राजद का दामन थाम लिया है. चर्चा है कि वे चतरा से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार हो सकते हैं. इसी तरह सुनील सोरेन, घूरन राम और शशिभूषण सामड जैसे और भी नेता भी भाजपा से निराश होकर नया ठिकाना तलाश रहे हैं.
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सुनील सोरेन के लिए झामुमो में खुलेगा संभावनाओं का द्वारा ?
भाजपा ने दुमका के सांसद सुनील सोरेन को पहले टिकट दिया और फिर उनसे टिकट वापस लेकर सीता सोरेन को दे दिया. सुनील सोरेन झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के राजनीतिक शिष्य रहे हैं. गुरु से बगावत कर उन्होंने भाजपा के टिकट पर कई बार चुनाव लड़कर उन्हें कड़ी टक्कर दी. आखिरकार 2019 में उन्होंने गुरुजी को मात दे दी, लेकिन चुनाव से ठीक पहले गुरुजी की बहू सीता सोरेन के भाजपा में आने के बाद पार्टी ने सुनील सोरेन को दरकिनार कर दिया. मंगलवार को एनडीए की बैठक में शामिल नहीं होकर सुनील ने अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है. राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि दुमका का राजनीतिक समीकरण बदल सकता है. सुनील सोरेन झामुमो में शामिल हो सकते हैं, और झामुमो उन्हें सीता सोरेन के खिलाफ चुनाव मैदान में उतार सकती है. इस बारे में झामुमो के वरिष्ठ नेता मनोज पांडेय ने कहा कि राजनीति में संभावनाओं का द्वारा हमेशा खुला रहता है. हालांकि अभी ऐसी कोई बात नहीं है.
घूरन भी छटपटा रहे
पलामू से सांसद रहे घूरन राम पिछले कई साल से राजद के टिकट पर पलामू से चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही थी. इस बार राजनीतिक गलियारे में चर्चा थी कि भाजपा पलामू के सांसद बीडी राम का टिकट काट सकती है. मौका देखते ही घूरन राम भाजपा में शामिल हो गये, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी. भाजपा ने फिर से बीडी राम को टिकट दे दिया. अब घूरन राम मन मसोस कर भाजपा की सेवा में लग गये हैं. पुराने में वापसी करने के लिए छटपटा रहे हैं. राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं से संपर्क में हैं. पूछने पर कहा कि टिकट की उम्मीद में ही भाजपा में शामिल हुआ था, लेकिन टिकट नहीं मिला. फिलहाल भाजपा में हैं और हमेशा यहीं रहेंगे.
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बड़कुंवर और शशिभूषण तलाश रहे नया विकल्प
चक्रधरपुर से झामुमो के विधायक रहे शशिभूषण सामड और मझगांव के पूर्व विधायक बड़कुंवर गगराई सिंहभूम लोकसभा सीट के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे, लेकिन चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने कांग्रेस की गीता कोड़ा को पार्टी में शामिल कराके उन्हें अपना उम्मीदवार बना दिया. टिकट नहीं मिलने से दोनों नेता नाराज हैं. दोनों नेता अपना राजनीतिक करियर बचाने के लिए एक बार फिर से नये विकल्प की तलाश में हैं.
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