झारखंड के गांव–गांव तक पहुंचना चाहती हैं डॉ. कामिनी प्रसाद
Ranchi : झारखंड की बेटी डॉ. कामिनी प्रसाद ने ग्रामीण महिलाओं और बच्चियों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है. वह अपनी आमदनी का एक हिस्सा ग्रामीण महिलाओं और बच्चियों के बीच खर्च भी कर रही हैं. यह खर्च महिलाओं और युवतियों को स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ इन्हें फ्री में सेनेटरी पैड देने में हो रहा है. रामगढ़ में पली बढ़ी डॉ. कामिनी प्रसाद ने रांची यूनिवर्सिटी से पीजी किया. इसके बाद वह बिहार के पाटलीपुत्रा कॉलेज में प्राध्यापक के रूप में सेवा दी. इसी कॉलेज में वह हिन्दी की एचओडी पद से रिटायर भी हुई. इसके बाद डॉ. कामिनी प्रसाद ने अपने बेटे साथ मिलकर आनंद फाउंडेशन नामक संस्था बनाई और इस संस्था के जरिये सरकारी स्कूलों के साथ गांवों का दौरा कर महिलाओं और बच्चियों के बीच सेनेटेरी पैड का मुफ्त में वितरण कर रही हैं.
क्या कहती हैं कामिनी प्रसाद
डॉ. कामिनी प्रसाद ने बताया कि कोरोना के समय लॉकडाउन में जहां हर व्यक्ति छोटी से छोटी चीज के लिए परेशान था. राशन से लेकर सब्जी तक की मारा मारी चल रही थी, सारे बाजार और दुकानें बंद थे. हर आदमी रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाला सामान के लिए परेशान हो रहा था. इस दौरान हमने देखा कि महिलाएं भी सेनेटरी पैड के लिए परेशान है, पर उन्हें यह उपलब्ध नहीं हो पा रहा. इनकी इस समस्या के समाधान के लिए हमने इन तक फ्री में पैड पहुंचाने की योजना बनाई. यह सिलसिला अब तक जारी है. उन्होंने बताया कि हमारी कोशिश है कि झारखंड के हर गांव में जाकर महिलाओं को स्वच्छता के साथ स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाये.
फैक्ट फाइल
87% लड़कियां पुराने कपड़े इस्तेमाल करती हैं
60% लड़कियां पीरियड के कारण स्कूल नहीं जातीं
44% लड़कियों ने प्रतिबंधों पर शर्मिंदगी और अपमान महसूस किया
6% लड़कियों ने सेनेटरी नैपकिन के बारे में कभी नहीं सुना है
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