प्लांट से बिजली लेने के लिए अब तक नहीं बन पायी ट्रांसमिशन लाइन
प्रधानमंत्री का है ड्रीम प्रोजेक्ट, 26 मई 2022 को की थी समीक्षा
प्लांट के लिए आवंटित बनहर्दी कोल ब्लॉक की ड्रिलिंग का काम पूरा नहीं
Ravi Bharti
Ranchi: पतरातू में बन रहे 4000 मेगावाट के सुपर थर्मल पावर प्लांट से इस साल भी बिजली उत्पादन पर संशय बना हुआ है. पहले मार्च 2024 में अब जुलाई 2024 में बिजली उत्पादन की बात कही जा रही है. लेकिन सूत्रों के अनुसार, इस साल भी प्लांट से बिजली उत्पादन होने पर संशय बना हुआ है. वहीं पीएमओ पीएमओ हर हाल में 2024 में ही पतरातू पावर प्लांट से बिजली उत्पादन शुरू कराना चाहता है.
प्लांट से बिजली लेने के लिए अब तक पूरी तरह से ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण नहीं हो पाया है. राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि अक्टूबर 2023 तक 3300 मेगावाट के लिए ट्रांसमिशन लाइन उपलब्ध करा दी जाएगी. बाकी के लिए आगे कार्रवाई होगी. इस पर केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि जो भी सहयोग राज्य सरकार को चाहिए केंद्र की ओर से मिलेगा. केंद्र ने यह भी कहा था कि पावर प्लांट को प्राथमिकता के आधार पर शुरू कराने का प्रयास राज्य सरकार करे.
पतरातू पावर प्लांट के लिए आवंटित बनहर्दी कोल ब्लॉक की अब तक पूरी तरह से ड्रिलिंग ही नहीं हो पाई है. इसके लिए 14 करोड़ में जूलॉजिकल रिपोर्ट खरीदी गई.
बनहर्दी कोल ब्लॉक लातेहार के चंदवा में 4600 एकड़ में है. पूरा एरिया 18 वर्ग किलोमीटर में है. इसमें 10 वर्ग किलोमीटर में ड्रिलिंग हो चुकी है. जिसमें 900 मिलियन टन कोयला का अनुमान लगाया गया है. शेष 8 वर्ग किलोमीटर में 600 मिलियन टन कोयला का अनुमान है.
हरियाणा की साउथ वेस्ट पिनाकल कंपनी ने इस ब्लॉक की ड्रिलिंग की है. वहीं बनहर्दी कोल ब्लॉक में वन भूमि का मामला आ रहा है. इस पर केंद्र सरकार की ओर से निर्देश दिया गया कि 268 एकड़ वन भूमि को डिनोटिफाई करने का प्रस्ताव राज्य सरकार केंद्र को भेजे. हालांकि यह प्रस्ताव राज्य सरकार भेज चुकी है.
करार हुए गुजर गए नौ साल
पतरातू में 4000 मेगावाट पावर प्लांट बनाने के लिए झारखंड सरकार ने 2015 में एनटीपीसी के साथ करार किया था. करार के मुताबिक पहले चरण में 2400 मेगावाट का पावर प्लांट बनना है और दूसरे चरण में 1600 मेगावाट पावर प्लांट बनाया जाना है पहले चरण का उत्पादन साल 2019 में शुरू होना था, लेकिन अब तक उत्पादन शुरू नहीं हो पाया है. राज्य सरकार और एनटीपीसी के साथ हुए समझौते के अनुसार 85 फीसदी बिजली राज्य सरकार को मिलेगी.
पतरातू पावर प्लांट की पीएम ने की थी समीक्षा
पीएम नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2022 को पतरातू पावर प्लांट की ऑनलाइन समीक्षा की थी. इस दौरान पीएम मोदी को झारखंड के मुख्य सचिव ने बताया था कि वर्ष 2024 से पतरातू के निर्माणाधीन 4000 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट से बिजली उत्पादन होने लगेगा.
जेबीवीएनएल व एनटीपीसी के बीच बनी ज्वाइंट वेंचर कंपनी
वर्ष 2015 में झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड और एनटीपीसी के बीच ज्वाइंट वेंचर कंपनी पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) बनी. वर्ष 2016 में कंपनी को एनटीपीसी हवाले किया गया. इसके बाद इस वर्ष जनवरी में भेल को इसका कार्यादेश दिया गया.
एनटीपीसी व जेबीवीयूएनएल 74:26 का शेयरधारक
करार के अनुसार एनटीपीसी 74 व जेबीवीयूएनल 26 प्रतिशत की शेयरधारक है. जेबीवीयूएनएल पैसा नहीं लगाएगी. कंपनी जमीन, कोयला व पानी देगी. पैसा एनटीपीसी लगाएगी. एनटीपीसी बैंक से लोन लेकर पैसा लगाएगी और झारखंड सरकार का ऊर्जा विभाग इसकी मॉनिटरिंग करेगा.
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