बंगाल सरकार ने अपने वाद में कहा है कि सीबीआई राज्य की पूर्वानुमति के बिना कई मामलों में अपनी जांच आगे बढ़ा रही है.
New Delhi : केंद्र सरकार ने आज गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) उसके नियंत्रण में नहीं है. केंद्र ने पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दायर वाद पर अपनी प्रारंभिक आपत्तियों में यह बात कही. बता दें कि बंगाल सरकार ने अपने वाद में कहा है कि सीबीआई राज्य की पूर्वानुमति के बिना कई मामलों में अपनी जांच आगे बढ़ा रही है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
राज्य ने सीबीआई को जांच के लिए दी गयी आम सहमति वापस ले ली है
पश्चिम बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक मूल मुकदमा दायर किया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि सीबीआई प्राथमिकी दर्ज कर रही है और अपनी जांच आगे बढ़ा रही है जबकि राज्य ने अपने अधिकार क्षेत्र में संघीय एजेंसी को मामलों की जांच के लिए दी गयी आम सहमति वापस ले ली है. अनुच्छेद 131 केंद्र और एक या अधिक राज्यों के बीच विवाद में सर्वोच्च न्यायालय के मूल अधिकार क्षेत्र से जुड़ा है.
मामले केन्द्र सरकार ने दर्ज नहीं किये हैं
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ को बताया कि संविधान का अनुच्छेद 131 उच्चतम न्यायालय को प्रदत्त सर्वाधिक पवित्र अधिकार क्षेत्र में से एक है और इस प्रावधान के दुरुपयोग की इजाजत नहीं दी जा सकती. उन्होंने कहा कि राज्य ने जो वाद दायर किया है और उसमें जिन मामलों का जिक्र है वे केन्द्र सरकार ने दर्ज नहीं किये हैं.
भारत सरकार ने कोई मामला दर्ज नहीं किया है
श्री मेहता ने कहा, भारत सरकार ने कोई मामला दर्ज नहीं किया है. सीबीआई ने इसे दर्ज किया है. सीबीआई भारत सरकार के नियंत्रण में नहीं है. मामले में सुनवाई जारी है. दरअसल पश्चिम बंगाल सरकार ने सीबीआई को जांच करने अथवा राज्य में छापे मारने के संबंध में दी गयी आम सहमति 16 नवंबर 2018 को वापस ले ली थी.
बंगाल में संदेशखाली मामलों की जांच कर रही सीबीआई
बंगाल में सीबीआई, ईडी टीम पर हुए हमले की जांच कर रही है. संदेशखाली में यौन शोषण, जमीन अवैध रूप से कब्जाने जैसे आरोपों की जांच भी सीबीआई कर रही है. इसके खिलाफ बंगाल की ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
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