Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को राजधानी के जैप-1 के शौर्य सभागार में जेएसएससी द्वारा अनुशंसित 527 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा. इस अवसर पर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा में सफल और अनुशंसित 527 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया. इनमें 120 पीजीटी और टीजीटी शिक्षक, 200 सहायक शिक्षक एवं 56 प्रयोगशाला सहायक के अलावा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में 47, पथ निर्माण विभाग में 25, जल संसाधन विभाग में 49, नगर विकास एवं आवास विभाग में 28, वित्त, वाणिज्य कर एवं खाद्य आपूर्ति विभाग में एक-एक और रिम्स में तीन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिला. अपने संबोधन में सीएम ने कहा कि अभी एक एग्जाम हुआ है जेएसएससी का. उसमें मीडिया ट्रायल चल रहा है. वास्तविकता का अता-पता नहीं है.
खबरों में, मीडिया में सरकार को कितना कालिख पोत सकें, लोग लगे हुए हैं. हमलोगों ने बिल्कुल संकल्पित होकर काम किया है. उसी का नतीजा है कि अब निरंतर हमलोग नियुक्तियां कर रहे हैं. पांच वर्षों में अनगिनत नियुक्तियां की हैं. निजी क्षेत्रों में चुने गये बच्चे तो विदेशों तक में नौकरी कर रहे हैं. समारोह में मंत्री रामेश्वर उरांव, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मंत्री बैद्यनाथ राम, मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री हफीजुल हसन, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, विकास आयुक्त अविनाश कुमार, प्रधान सचिव मस्त राम मीणा, प्रधान सचिव सुनील कुमार, प्रभारी सचिव उमा शंकर सिंह, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक आदित्य रंजन और माध्यमिक शिक्षा निदेशक उत्कर्ष गुप्ता उपस्थित रहे.
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उत्पाद सिपाही में मौत में जांच का अनुरोध
सीएम ने कहा कि अभी आपलोगों ने सुना ही उत्पाद सिपाही की नियुक्ति हुई. मुझे लगता है कि कोरोना के बाद यह शारीरिक दक्षता वाला पहला एग्जाम रहा. इसमें दर्जन भर से ज्यादा नौजवानों ने जान गंवा दी. इसके लिए हम बहुत उदास हैं. हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है कि इसके तह तक जाने का हमारा प्रयास रहेगा, क्योंकि झारखंड के युवा इतने कमजोर नहीं हो सकते हैं कि वह 10 किलोमीटर चल ना सके. हमने इसके लिए मदद मांगी है कि इसकी विस्तृत जांच हो कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या है कि इतनी बड़ी संख्या में हमारे नौजवानों की मौत हुई.
20 वर्षों तक ना तो नियुक्ति नियमावली बनी और ना ही नियुक्तियां हुईं
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड जब अलग राज्य बना तो कैडर विभाजन का मामला सामने आया. कई विभागों में वर्षों तक अधिकारियों और कर्मियों का कैडर विभाजन नहीं हो सका. ऐसी स्थिति में वर्षों तक टेंपरेरी व्यवस्था के तहत काम किसी तरह चलता रहा. कुछ पदों पर नियुक्तियां हुईं, तो उसे लेकर भी काफी उलझने आयीं. ऐसे में नियुक्तियों के नहीं होने का खामियाजा इस राज्य और यहां के नौजवानों को भुगतना पड़ा. हमारी सरकार जब बनी तो शुरुआती दो वर्षों तक कोरोना की वजह से सारी व्यवस्थाएं अव्यवस्थित हो गई थीं. इससे निजात पाने के बाद जब हमने विभागों की समीक्षा बैठक शुरू की तो पता चला कि बड़ी संख्या में विभिन्न विभागों में पद रिक्त हैं. जब इसकी जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि विभिन्न विभागों के विभिन्न संवर्गों के लिए अबतक नियुक्ति नियमावली ही नहीं बनी है. ऐसे में हमारी सरकार ने तेज गति से सभी विभागों के सभी संवर्गों के लिए नियुक्ति नियमावली का गठन बहालियों का सिलसिला शुरू किया. अबतक विभिन्न विभागों में रिक्त हजारों पदों पर नियुक्तियां हो चुकी हैं और कई पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है.
रिकॉर्ड समय में पूरी हुई जेपीएससी की परीक्षा प्रक्रिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद जेपीएससी की परीक्षा बिना किसी विवाद के रिकॉर्ड समय में पूरी हुई. आज बीडीओ-, सीओ, डीएसपी और अन्य अधिकारी राज्य को अपनी सेवा दे रहे हैं. इससे पहले जेपीएससी की एक परीक्षा प्रक्रिया पूरी होने कई वर्ष लग जाते थे और हर परीक्षा को लेकर विवाद बना रहता था. लेकिन हमारी सरकार ने जिस निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से परीक्षा आयोजित की, उसमें बड़ी संख्या में गरीब युवाओं ने अपनी मेहनत की बल पर कामयाबी हासिल की. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने के साथ-साथ गैर सरकारी क्षेत्र में भी हजारों युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया है. आज देश और विदेश के कई बड़ी कंपनियों में ये नौजवान कार्य कर रहे हैं. वहां वे अपने हुनर और कार्य की बदौलत अपनी एक अलग पहचान बनाई है.
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