Ahmedabad : गुजरात के लोगों के दिमाग में आप (आम आदमी पार्टी )कहीं नहीं है. चुनाव नतीजों का इंतजार कीजिए, शायद सफल उम्मीदवारों की सूची में आप का नाम न आये. कांग्रेस अभी भी मुख्य विपक्षी पार्टी है, लेकिन पार्टी संकट के दौर से गुजर रही है, और इसका असर गुजरात में भी दिखाई दे रहा है. समाचार एजेंसी पीटीआई को दिये एक साक्षात्कार में अमित शाह ने यह कहा.
गुजरात में एक दिसंबर को पहले चरण की वोटिंग से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आम आदमी पार्टी पर जोरदार हल्ला बोला. गुजरात विधानसभा चुनाव में आप के उतरने के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि हर पार्टी को चुनाव लड़ने का अधिकार है, लेकिन यह लोगों पर निर्भर करता है कि वे पार्टी को स्वीकार करते हैं या नहीं.
In Gujarat, Congress is still main opposition party but it is facing crisis across country and its impact is visible in state: Amit Shah
— Press Trust of India (@PTI_News) November 30, 2022
भाजपा गुजरात में अभूतपूर्व जीत दर्ज करेगी
लोगों द्वारा बार-बार भाजपा में विश्वास जताने का मुख्य कारण उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बताया. कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान गुजरात का सर्वांगीण विकास और जीरो तुष्टिकरण नीति को लागू किया जाना भाजपा के पक्ष में जाता है. साक्षात्कार में शाह ने कहा कि भाजपा गुजरात में अभूतपूर्व जीत दर्ज करेगी. लोगों को हमारी पार्टी और हमारे नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है.
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भारत जोड़ो यात्रा पर कहा, इंतजार करें और देखें
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि राजनीति में निरंतर प्रयास जरूरी हैं. उन्होंने कहा मेरा हमेशा से मानना रहा है कि राजनेताओं को कड़ी मेहनत करने की जरूरत है और यह अच्छा है जब कोई कड़ी मेहनत करता है. लेकिन राजनीति में निरंतर प्रयास ही परिणाम दिखाते हैं. इसलिए इंतजार करें और देखें.
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एंटी-रेडिकलाइजेशन सेल स्थापित करने का वादा अच्छी पहल
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा की गुजरात इकाई के कट्टरपंथ विरोधी प्रकोष्ठ (एंटी-रेडिकलाइजेशन सेल) स्थापित करने के चुनावी वादे को एक अच्छी पहल करार दिया है कहा है कि इस पर केंद्र और अन्य राज्य सरकारों को भी विचार करना चाहिए. बता दें कि चुनावी राज्य गुजरात में भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने तथा संभावित खतरों और भारत विरोधी ताकतों एवं आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल की पहचान करने तथा उन्हें खत्म करने के लिए एक कट्टरपंथ विरोधी प्रकोष्ठ गठित करने का वादा किया है.
जांच के बाद पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया गया
शाह ने साक्षात्कार में यह भी कहा कि विस्तृत जांच व पड़ताल के बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाया गया है. कहा कि इस तरह के संगठन यदि युवाओं को आतंकवाद की ओर धकेलें तो यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा, पीएफआई की राष्ट्र विरोधी और विशेषकर युवाओं को कट्टरपंथ के जरिए आतंकवाद की ओर धकेलने की गतिविधियों से जुड़ी बहुत सारी सूचनाएं एकत्रित करने और उनके प्रमाण मिलने के बाद मोदी सरकार ने इस संगठन को प्रतिबंधित करने का फैसला किया. उन्होंने कहा, कई राज्यों ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की थी. ऐसी गतिविधियों में लिप्त किसी भी संगठनों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
इसे कानूनी स्वरूप दिया जायेगा
यह पूछे जाने पर कि क्या गुजरात में कट्टरपंथ विरोधी प्रकोष्ठ गठित किये जाने संबंधी घोषणा को अन्य राज्यों में भी लागू किया जायेगा, शाह ने कहा, ‘‘यह एक अच्छी पहल है. इसे कानूनी स्वरूप दिया जायेगा और इसकी कार्यप्रणाली तय की जायेगी.उन्होंने कहा कि सिर्फ गुजरात ही नहीं बल्कि पूरे देश में कट्टरपंथ पर नकेल जरूरी है. बता दें कि श्री शाह अपनी चुनावी जनसभाओं में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों को भी जोरशोर से उठा रहे हैं. उनके अनुसार यह ऐसा मुद्दा है जो हर चुनाव में महत्वपूर्ण है. हालांकि विपक्षी दल भाजपा पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह शासन से जुड़े स्थानीय मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए राज्यों के चुनाव में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे उठाती है.