Rishi Ranjan (RYT200, PGDY ,IYEC , Masters In Yogic Science)
योग विज्ञान के वैज्ञानिकों और भारतीय ऋषियों ने योग को अलग मुकाम पर पहुंचाया है. प्रकृति में मौजूद हर वस्तु और जीव-जंतु से प्रेरणा लेकर योग के आसनों का निर्माण किया गया है. तूफानी समुद्र में भी शांत रहने वाली नाव से प्रेरणा लेकर भारतीय योगियों ने नौकासन (Naukasana) या नावासन (Navasana) की रचना की है. अंग्रेजी में इस आसन को Boat Pose भी कहा जाता है.
नौकासन करने से नाव जैसी आकृति में आ जाती है शरीर
नौकासन करने से शरीर, नाव जैसी की आकृति में आ जाती है. इस आसन के कई प्रकार हो सकते हैं. जैसे परिपूर्ण नावासन (ParipurnaNavasana), अर्ध नावासन (ArdhaNavasana), एकपद नावासन (ekapadanavasana) आदि. नौकासन करने से पैर और हाथ की स्ट्रेचिंग एक साथ हो जाती है. आइये आपको बताते हैं कि नौकासन क्या है. इसे करने के फायदे क्या है. नौकासन करने का सही तरीका और विधि क्या है. इसको करने के दौरान क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए.
क्या है नौकासन?
नौकासन बैठकर किया जाने वाला इंटरमीडिएट लेवल या मध्यम स्तर की कठिनाई वाला योगासन है. इस आसन को करने के दौरान शरीर अंग्रेजी के अक्षर V की आकृति बना लेता है. नौकासन को सिक्स पैक योगासन का हिस्सा माना जाता है. नौकासन आपकी लोअर बैक, बाइसेप्स-ट्राइसेप्स, कोर (एब्स), पैर के पंजे-टखने और क्वाड्रिसेप्स को मजबूत बनाता है.
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नौकासन करने के फायदे
नौकासन करने के कई तरीके और प्रकार हैं. इसी प्रकार उनसे मिलने वाले फायदे भी अलग हैं. लेकिन इस आर्टिकल में हम आपको नौकासन के पहले वेरिएशन यानी परिपूर्ण नौकासन से मिलने वाले फायदों के बारे में जानकारी देंगे.
हैमस्ट्रिंग और क्वाड्रिसेप्स मांसपेशियां होती है स्ट्रेच
इस पोज को रोककर रखने के लिए ऊपरी जांघों में बहुत ताकत की जरूरत होती है. शरीर के इसी हिस्से में क्वाड्रिसेप्स मसल्स होती हैं. हैमस्ट्रिंग्स के साथ इन मसल्स की स्ट्रेचिंग से आसन को सही ढंग से करने में मदद मिलती है. इस आसन के निरंतर अभ्यास से इन मसल्स में लचीलापन बढ़ जाता है.
हिप्स को मजबूत बनाता है नौकासन
नौकासन को करने के दौरान शरीर का संतुलन बनाने में हिप्स महत्वपूर्ण रोल निभाते हैं. ये आसन हिप्स को मजबूत बनाने, हिप्स की हड्डियों या हिप बोन्स के बल शरीर का संतुलन बनाने में मदद करेगा. आप अपनी लेग्स को जितना ऊंचा उठाते हैं और धड़ को जितना सीधा करते हैं. आपके हिप फ्लेक्सर्स उतने ही ज्यादा मजबूत होते जाते हैं.
एब्स के मसल्स में आयेगी मजबूती
इस आसन के दौरान शरीर के भार को बीच में केंद्रित करना होता है. यही शरीर का कोर एरिया होता है. इस आसन को करने के लिए एब्डॉमिनल मसल्स या एब्स को सख्त करना पड़ता है. बार-बार मसल्स को टाइट करने से वह मजबूत होने लगती है. अन्य एडवांस लेवल के योगासनों को करने के लिए इन मसल्स का मजबूत होना बहुत जरूरी है.
शरीर के निचले हिस्से को स्ट्रेच करता है नौकासन
नौकासन में पूरा निचला शरीर हिप्स लेकर पैरों की अंगुलियों तक स्ट्रेच होता है. एडक्टर मसल्स पैरों के भीतरी हिस्से को साथ में सिकोड़कर रखने के लिए काम करती है. एडियां और टखने पैरों को संपूर्ण स्ट्रेच देने के लिए साथ में काम करते हैं.
स्पाइन की मसल्स को स्ट्रेच करके नसों को बनाता है मजबूत
रीढ़ की मसल्स को शरीर के ऊपरी धड़ को सीधा और सख्त बनाए रखने के लिए काम करना होता है. ये मसल्स पेट की निचली मांसपेशियों पर काम करती हैं और रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाती है. ये आसन रीढ़ के प्राकृतिक कर्व्स को बनाए रखती है.
पीठ को मजबूत बनाने में करता है मदद
नौकासन में शरीर का पूरा भार मध्य में ही आ जाता है. ऐसे में एब्स की मसल्स को लगातार काम करना पड़ता है. इससे लोअर बैक मजबूत बनती है और उसे अच्छा स्ट्रेच भी मिलता है. पीठ की ताकत हिप्स के लिए अच्छे सपोर्ट का काम करती है.
पूरे शरीर के एलाइनमेंट को सुधारता है नौकासन
ये शानदार आसन ऊपरी धड़ और निचले शरीर को एक साथ स्ट्रेच करता है. इससे पूरे शरीर का एलाइनमेंट सुधारने में मदद मिलती है. नौकासन के दौरान शरीर अंग्रेजी के ‘V’ अक्षर के आकार में आ जाती है. इस मुद्रा को दोहराने से शरीर के पोश्चर में सुधार होगा, जैसे कि गर्दन और कंधों को बाहर की ओर खींचने की आवश्यकता होती है, छाती को रीढ़ की हड्डी के प्राकृतिक कर्व्स के रूप में आगे बढ़ाया जाता है, जांघों और पैरों को हवा में सीधा और संतुलित रूप से फैलाया जाता है.
पाचन शक्ति को बनाता है बेहतर
चूंकि नौकासन पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों पर काम करता है, ये पाचन क्रिया को सुधारता है और बेहतर बनाता है. मसल्स को सख्त करने से पेट के निचले अंगों पर सकारात्मक असर पड़ता है, ये पाचनतंत्र को बेहतर ढंग से चलाने में भी भरपूर मदद करता है.
शरीर के संतुलन पर करता है फोकस
निरंतर और सही अभ्यास से नौकासन से शरीर में आत्मविश्वास बढ़ता है और संतुलन सुधरता है. बैलेंस पर फोकस करने से स्ट्रेस और ध्यान न लगने से जुड़ी समस्याओं से भी राहत मिलती है.
नौकासन करने का सही तरीका
नौकासन करने के लिए धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं. कभी भी असुविधा होने पर इस आसन का अभ्यास न करें. कभी भी कंधे या घुटनों पर दबाव न डालें. हमेशा ध्यान दें कि आपने वॉर्मअप कर लिया हो और आपकी कोर मसल्स एक्टिव हो चुकी हों.
अगर किसी भी समय आपको किसी भी किस्म की असुविधा या दर्द महसूस होता है तो खुद पर जरा भी दबाव न डालें. धीरे-धीरे आसन का अभ्यास बंद कर दें और आराम करें. अगर आप पहली बार ये आसन कर रहे हैं तो किसी योग्य योग गुरु की देखरेख में भी इस आसन का अभ्यास करें.
नौकासन करने की विधि
- नौकासन के लिए योग मैट पर सीधे बैठ जाएं.
- टांगें आपके सामने स्ट्रेच करके रखें.
- दोनों हाथों को हिप्स से थोड़ा पीछे की तरफ फर्श पर रखें.
- शरीर को ऊपर की तरफ उठाएं.
- रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें.
- सांस को बाहर की तरफ छोड़ें.
- पैरों को फर्श से 45 डिग्री के कोण पर उठाएं.
- टेलबोन को बढ़ाएं और हिप्स को नाभि के करीब ले आएं.
- घुटनों को मजबूत करें. अपने टखने को सीधा करें.
- टखनों को उठाकर आंख की सीध में ले आएं.
- इस दौरान आप अपने बट और टेलबोन पर बैठे होंगे.
- हाथों को ऊंचा उठाएं और फर्श के समानांतर स्ट्रेच करें.
- सामान्य गति से सांस लेते और छोड़ते रहें.
- इसी स्थिति में 10 से 20 सेकेंड तक बने रहें.
- अभ्यास हो जाने पर समय बढ़ा दें.
- सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आसन को छोड़ दें.
नौकासन करने से पहले ध्यान रखे ये बातें
नौकासन का अभ्यास सुबह के वक्त ही किया जाना चाहिए. लेकिन अगर आप शाम के वक्त ये आसन कर रहे हैं तो जरूरी है कि आपने भोजन कम से कम 4 से 6 घंटे पहले कर लिया हो. ये भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि आसन करने से पहले आपने शौच कर लिया हो और पेट एकदम खाली हो.
नौकासन करने में बरते ये सावधानियां
- आपको अस्थमा, डायरिया, सिरदर्द, हृदय रोग, इंसोम्निया, निम्न रक्तचाप, डायबिटीज, हाल में सर्जरी होने पर, पेट में चोट होने पर, घुटने, हिप्स, हाथों और कंधे में इंजरी हो तो नौकासन का अभ्यास करने से बचें.
- शुरुआत में नौकासन को योग ट्रेनर की देखरेख में ही करें.
- संतुलन बनने पर आप खुद भी ये आसन कर सकते हैं.
- नौकासन का अभ्यास शुरू करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
निष्कर्ष
नौकासन, योग विज्ञान का बहुत अच्छा आसन है. स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन रहता है. नौकासन न सिर्फ मेटाबॉलिज्म को एक्टिवेट करता है बल्कि आपके दिमाग को स्थिर रखने में भी मदद करता है. और आज की दुनिया में बैलेंस बनाकर रखना ही सबसे जरूरी चीज है. नौकासन बैलेंस बनाने से जुड़ी इसी खूबी को आपके शरीर में विकसित करने में मदद करता है.
नौकासन का अभ्यास करने के लिए आपके पैर और क्वाड्रीसेप्स इतने मजबूत होने चाहिए कि पूरे शरीर का वजन उठा सकें. लेकिन सबसे पहले आपको अपने मन के डर पर जीत हासिल करनी होगी कि कहीं आप अभ्यास करते हुए गिर न पड़ें. अगर गिर भी जाएं तो गहरी सांस लें और कोशिश के लिए अपनी तारीफ करें और दोबारा अभ्यास करें. शुरुआती दौर में इस आसन को करने के लिए किसी योग्य योग शिक्षक से मार्गदर्शन जरूर लें.