LagatarDesk : कुछ दिन पहले खबर आयी थी कि एशिया के सबसे रईस इंसान और उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में हिस्सा लेंगे. जो इस महीने के अंत में होने वाला है. टेलिकॉम सेक्टर में अडानी ग्रुप की एंट्री का असर एयरटेल के शेयरों में देखने को मिल रहा है. भारती एयरटेल के शेयरों में 5.12 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है. इसकी कीमत घटकर 659.55 रुपये हो गयी है.
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वोडाफोन-आइडिया के शेयरों में 4.17 फीसदी का उछाल
सुबह 9.37 बजे तक बीएसई पर भारती एयरटेल के शेयर 4.53 फीसदी की गिरावट के साथ 663.75 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. वहीं वोडाफोन आइडिया के शेयर पर इसका असर नहीं पड़ा है. वोडाफोन आइडिया के शेयर 4.17 फीसदी की बढ़त के साथ 8.75 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं.
जियो और एयरटेल के लिए बड़ी चुनौती
अडानी 5G स्पेक्ट्रम को हासिल करने की दौड़ में शामिल हो गया है. यह मुकेश अंबानी (Mukesh ambani) की रिलायंस जियो (Reliance Jio) और सुनील भारती मित्तल की एयरटेल (Airtel) के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है. मालूम हो कि अडानी ने साफ तौर पर कहा था कि वो कस्टमर्स को 5जी सर्विस देने नहीं देगी. बल्कि उसे 5G स्पेक्ट्रम अपने कारोबार के लिए चाहिए. इसलिए उसने इस बार की बिड प्रोसेस में हिस्सा लिया है. कंपनी को अपने एयरपोर्ट और पोर्ट पर साइबर सिक्योरिटी, पावर जेनरेशन, ट्रांसमिशन, फैक्टरीज, रिटेल से लेकर डेटा सेंटर तक और सुपर ऐप्स के लिए हाई-क्वालिटी और स्पीड वाले इंटरनेट की जरूरत है.
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26 जुलाई को होगी 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी
गौरतलब है कि 5G स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 8 जुलाई तक थी. सरकार 12 जुलाई को बोली लगाने वाले नामों की लिस्ट जारी करेगी. फिर 26 जुलाई को 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी होगी. जिसमें 4.3 लाख करोड़ के कुल 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की पेशकश की जायेगी.
15 जून को कैबिनट ने दी थी नीलामी को मंजूरी
मालूम हो कि 15 जून को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. जिसमें केंद्रीय कैबिनेट ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी दी थी. लो, मीडियम और हाई फ्रिक्वेंसी बैंड के स्पेक्ट्रम की निलामी अगले 20 साल के लिए होगी. भारत में 5जी सर्विस शुरू होने से इंटरनेट की स्पीड बढ़ जायेगी. यह मौजूदा 4G सर्विस से 10 गुना ज्यादा तेज होगी. 5जी सर्विस कब से शुरू होगी इसकी तारीख तय नहीं की गयी है. लेकिन सरकार के मेंडेट के हिसाब से जो भी कंपनी स्पैक्ट्रम खरीदेगी उसको 6 महीने से 1 साल के अंदर सर्विस शुरू करनी होगी.
बोली लगाने वाली कंपनियों में शर्तों में दी जायेगी ढील
बता दें कि स्पेक्ट्रम के लिए कई कंपनियां बोली लगायेंगी. हालांकि इस बार बोली लगाने वालों को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए कुछ शर्तों में ढील दी जायेगी. इस बार सफल बोलीदाताओं को एडवांस पेमेंट करने की आवश्यकता नहीं होगी. इसके अलावा वे स्पेक्ट्रम के लिए भुगतान भी 20 समान किस्तों में कर सकते हैं. यही नहीं बोलीदाताओं को 10 सालों के बाद स्पेक्ट्रम को सरेंडर करने का विकल्प भी दिया जायेगा.
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