Ranchi: गणतंत्र दिवस के अवसर पर संजय आनंदराव लाठकर, एडीजी (अभियान) झारखंड पुलिस को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किये जाने की घोषणा की गयी है. विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से वैसे अधिकारियों व कार्मिकों को सम्मानित किया जाता है, जो कम से कम 25 साल की सेवा के उपरांत बेदाग छवि वाले कर्मठ एवं अपने कर्तव्य के प्रति समर्पित हों.
सीआरपीएफ में विभिन्न पदों पर दिया योगदान
आईपीएस संजय लाठकर झारखंड कैडर के 1995 बैच के अधिकारी हैं, और वर्तमान में झारखंड पुलिस में एडीजी (अभियान) के पद पर पदस्थापित हैं. इससे पहले पिछले 26 वर्षों की अपने सेवा के दौरान इन्होंने झारखंड के अलावा बिहार, महाराष्ट्र और देश के आंतरिक सुरक्षा में अग्रणी सीआरपीएफ में विभिन्न पदों पर अपना योगदान दिया है. इस दौरान इन्होंने अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर एकीकृत बिहार के भोजपुर और अरवल, एसपी के पद पर एकीकृत बिहार के औरंगाबाद और झारखंड के गिरिडीह एवं गुमला और पुलिस उपमहानिरीक्षक, सीआरपीएफ के पद पर गढ़चिरौली जैसे अत्यंत नक्सल प्रभावित एवं चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में पुलिस बल को कमांड किया. महाराष्ट्र पुलिस में पदस्थापन के दौरान इन्होंने आतंकवादी निरोधक दस्ता में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया.
पहले भी कई पदक से सम्मानित हो चुके हैं लाठकर
संजय लाठकर को उनकी कर्मठ एवं उत्कृष्ट सेवा के लिए पूर्व में भी पुलिस वीरता पदक, मुख्यमंत्री झारखंड वीरता पदक, आंतरिक सुरक्षा पदक, राष्ट्रपति द्वारा प्रदत्त सराहनीय सेवा पदक के अलावा महानिदेशक सीआरपीएफ द्वारा इनके कार्यों के लिए 11 मौकों पर महानिदेशक की प्रशंसा पदक और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है. जिसमें 05 बार अभियान में इनकी कार्य-कुशलता, 04 बार इनकी प्रशासनिक दक्षता एवं 2 बार झारखंड राज्य में शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराने हेतु इनके अहम योगदान के लिए दिया गया है.
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54 खतरनाक नक्सलियों को मार गिराया
संजय लाठकर का सीआरपीएफ में पदस्थापना इनकी सेवा के 26 वर्षों का एवं झारखंड राज्य में सीआरपीएफ दोनों का स्वर्णिम काल रहा है. आईजी सीआरपीएफ, झारखंड सेक्टर के अपने 04 साल के कार्यकाल में इनके कुशल नेतृत्व में 54 खतरनाक नक्सलियों को मार गिराया एवं इस दौरान 653 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा इस दौरान 81 नक्सलियों ने इनके द्वारा बनाये गए दवाब और भरोसे के कारण आत्मसमर्पण भी किया. इस कार्यकाल के दौरान चुनाव के लिए नोडल अधिकारी के रूप में सर्वप्रथम झारखंड राज्य में लगातार 02 बार रक्तरहित चुनाव सम्पन्न करवाया जो इनकी कुशल नेतृत्व, कर्मठता एवं कार्य दक्षता को दर्शाता है. इन्होंने सीआरपीएफ में अपने झारखंड के कार्यकाल के दौरान झारखंड थैलीसीमिया सोसाइटी को गोद लिया था और प्रत्येक जरूरतमंद थैलीसीमिया मरीज के समयानुसार रक्त उपलब्ध कराने का अनूठा प्रयास किया था. राष्ट्र के लिए अपना सर्वोत्तम बलिदान देने वाले कार्मिकों के प्रति लाठकर की एक अलग प्रकार की संवेदना है. आने वाली पीढ़ी इन बलिदानियों से प्रेरणा ले इसके लिए इन्होंने झारखंड राज्य के प्रत्येक शहीदों का उनके गांव या विद्यालय में उनकी प्रतिमाएं लगवाई और पुस्तकालय बनवायी.
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