- बैंकिंग व फाइनांस की व्यवस्था को सरल बनाए सरकार
Adityapur (Sanjeev Mehta) : देश का आम बजट 23 जुलाई को पेश होना है. ऐसे में आदित्यपुर के इसरो (इंडस्ट्रियल स्टैबिलिटी एंड रिफॉर्म ऑर्गनाइजेशन) संगठन के उद्यमियों ने सरकार को अपनी राय भेजी है ताकि सूक्ष्म, मंझोले और छोटे उद्यम लगाने वाले उद्यमी अपना रोजगार धंधा बेरोकटोक कर सकें और देश की औद्योगिक विकास में अपनी सहभागिता निभा सकें.उद्यमियों का फोकस मुख्यत: पूंजी की उपलब्धता पर है. वह बयाज दर में बदलाव और शीघ्र भुगतान की व्यवस्था बनाने के पक्षधर हैं. इसके अलावा बैंकिग व फाइनांस की व्यवस्था में भी सुधार लाने की सलाह दी गई है.
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सरकार बैकिंग व फाइनांस की व्यवस्था को सरल बनाए. उद्यमियों को उनके सिविल रेट के बजाए उनके प्रोजेक्ट रिपोर्ट और कुल परिसंपत्तियों पर बैक से ऋण दिया जाए. देश में औद्योगिक कलस्टर में ड्राई पोर्ट बनाया जाए ताकि उद्यमी अपना माल वैश्विक स्तर पर बेच सकें.
नंद कुमार सिंह, संरक्षक इसरो
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एसएमई को सरकार रेपो रेट से अधिकतम दो प्रतिशत अधिक दर पर ब्याज उपलब्ध कराए, क्योंकि सिविल रेट खराब होने पर ब्याज दर बढ़ जाता है. जबकि उद्यमियों को न तो रॉ मेटेरियल उधार पर मिलता है और न ही समय पर माल का भुगतान मिलता है.
मनोज सिन्हा, उद्यमी
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किसी उद्यमी के खाता एनपीए होने से सीजीटी ली गई ऋण राशि बैंक को वापस करती है, इसके बावजूद बैंक संबंधित उद्यमी से ऋण वसूलती है. इस तरह की दोहरी नीति की व्यवस्था सरकार बंद कराए. सरकार की पहल के बाद ही स्थिति सुधरेगी .
समीर सिंह, उपाध्यक्ष इसरो
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कृषि की तरह उद्यमियों को भी ब्याज में छूट मिले. उन्हें भी बड़े कारपोरेट कंपनियों की तर्ज पर 12 के बजाए 8 से 10 फीसदी पर ऋण मिले. पांच करोड़ तक के माल सरकार जैम पोर्टल की मदद से केवल एसएमई से खरीदे, ऐसा प्रावधान बने.
एच आर जैन, उद्यमी
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बजट में नई नीति बने ताकि एमएसएमई उद्यमियों को सरकारी उपक्रमों और बडी कंपनियों से पेमेंट 45 दिन के बजाए 15 दिन में मिलने की व्यवस्था की जाय. आसानी से जल्द भुगतान होगा तो उद्यमियों को बैंक या प्राइवेट एजेंसियों के पास ऋण के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.
रुपेश कटियार, उद्यमी
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