Adityapur (Sanjeev Mehta) : आदित्यपुर के एनआईटी जमशेदपुर संस्थान परिसर में पिछले 22 नवंबर से 8 अनुकंपा आश्रितों की पत्नियां धरना पर बैठी थीं जो 24 जनवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रही है. इनके पति आरआईटी के समय नौकरी के दौरान ही मर चुके थे, इन अनुकंपा आश्रितों को पिछले 10 वर्षों से नौकरी के नाम पर टरकाया जा रहा है. इन्हें केवल कागजी कार्रवाई का आश्वासन दिया जा रहा था, लिहाजा इन मृतक कर्मचारियों की पत्नियों ने जो सभी दलित परिवार से आती हैं अब नौकरी के लिए जान देने को तैयार हो गई हैं और 9 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं.
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विधवा महिलाओं का हाल जानने संस्थान से कोई नहीं आया
इनकी कोई सुधि नहीं ले रहा है, 2 अनुकंपा आश्रित महिला की हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है. इनके आंदोलन को बुधवार से केंद्रीय मजदूर संगठन (एआईयूटीयूसी) का समर्थन मिला है. संगठन के सदस्य विष्णु देव गिरि ने इन्हें अपना समर्थन देते हुए इनकी मांग को अंजाम तक पहुंचाने की बात कही है. बता दें कि मृतक कर्मचारियों की पत्नियां अनुकंपा के आधार पर नौकरी की मांग कर रही हैं. महिलाएं पिछले 22 नवंबर 2022 से अनिश्चित कालीन धरना पर बैठी थी. जब उनकी बातें नहीं सुनी गई तो मृत कर्मचारियों की पत्नियां 24 जनवरी 2024 से भूख हड़ताल पर बैठ गई हैं. इन दलित पीड़ित विधवा महिलाओं का हाल जानने संस्थान का कोई व्यक्ति नहीं आ रहा है. हड़ताल पर बैठे मृत कर्मचारी की पत्नीयों में सदाशिव मुखी की पत्नी विमला देवी, जौहर मुखी की पत्नी मुन्नी देवी, कार्तिक मुखी की पत्नी सायबान मुखी, कल्लू नायक की पत्नी छाया देवी, शरद मुखी की पत्नी नीलमणि मुखी शामिल हैं.
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