Adityapur (Sanjeev Mehta) : आदित्यपुर के तटीय इलाकों के बस्तियों में शनिवार शाम से घुसा बाढ़ का पानी रविवार सुबह छह बजे से धीरे-धीरे निकलना शुरू हुआ है. इससे लोगों ने राहत की सांस ली है. वहीं, ओडिशा के व्यांगबिल से भी राहत वाली खबर मिली है कि अब वहां के डैम के 3 फाटक को बंद कर दिया गया है और 2 फाटक से महज 80 क्युमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है. इधर, बारिश भी थम गई है जिससे अब खरकई नदी के जलस्तर में गिरावट जारी रहेगी. विदित हो कि रात 12 बजे तक खरकई के जलस्तर में वृद्धि जारी रही. जलस्तर बढ़ कर 136 मीटर के करीब पहुंच गया था, जो खतरे के निशान 129 मीटर से 7 मीटर ज्यादा है. वहीं, बढ़ते जलस्तर की वजह से तटीय इलाकों के लोगों की सारी रात दहशत में बीती.
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200 से 250 घरों में घुसा बाढ़ का पानी
उल्लेखनीय है कि आदित्यपुर के सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित बस्तियों में वार्ड-17 की इंदिरा बस्ती और शांतिनगर सोसाइटी कॉलोनी, वार्ड-18 की राम मड़ैया बस्ती, वार्ड-28 का लंका टोला और रायडीह, वार्ड-11 का भाटिया बस्ती और वार्ड-35 का मोतीनगर वास्तुविहार कॉलोनी व वार्ड-33 का बाबाकुटी आश्रम रहा. इन तटीय इलाकों के बस्तियों में करीब 200 से 250 घरों में बाढ़ का पानी 6 फीट तक घुसा है. इससे इन परिवारों को अपना घरबार छोड़कर आश्रय गृह में शरण लेना पड़ा.
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वहीं, अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बाढ़ से करीब 2 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को क्षति पहुंची है. जिला प्रशासन की टीम और स्थानीय जनप्रतिनिधि ने रात भर रतजगा कर लोगों को बाढ़ के प्रकोप से बचाने, उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाने और उनके खाने-पीने की व्यवस्था में लगे रहे. उम्मीद जताई जा रही है कि बाढ़ का पानी बस्तियों से आज शाम तक निकल सकता है.
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