Adityapur : मिथिला मोटर्स के मैनेजर राज रतन श्रीवास्तव के आत्महत्या मामले में मृतक के पिता मंगल प्रसाद ने बेटे की हत्या किए जाने की आशंका जताई है. इस मामले को लेकर मृतक के पिता ने आदित्यपुर थाना में हत्या की लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है. शिकायत में मंगल प्रसाद ने कहा कि मेरा बेटा इतना कमजोर नहीं था. वह आत्महत्या नहीं कर सकता है, उसकी हत्या की गई है. उन्होंने अपनी बहू, छोटे साले और बेटे के फुफेरे ससुर यानी बहू के फूफा सत्यप्रकाश पर बेटे की हत्या का आरोप लगाया है. शिकायत में उन्होंने लिखा है कि राज ने परिवार वालों की मर्जी के खिलाफ शादी की थी. शादी के बाद से ही साईं आंचल में पत्नी के साथ रह रहा था. पत्नी अपने छोटे भाई को अपने साथ ही रखती थी.
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रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी : थाना प्रभारी
इस मामले में आदित्यपुर थाना प्रभारी आलोक कुमार दुबे ने बताया कि मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी. परिजनों ने जो आरोप लगाए हैं, उस बिंदु पर भी तफ्तीश की जाएगी. फिलहाल मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है. मामला दर्ज कर लिया गया है तफ्तीश जारी है.
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पत्नी की तबियत खराब होने का हवाला देकर नहीं आया था ड्यूटी
राज रतन की आत्महत्या मामले में मिथिला मोटर्स के एक कर्मी ने बताया कि राज पिछले 13 सालों से कंपनी में काम कर रहा था. सभी कर्मचारियों और मैनेजमेंट के अधिकारियों के साथ उसके अच्छे संबंध थे. सोमवार को पत्नी की तबियत खराब होने का हवाला देकर राज ड्यूटी पर नहीं आया था. वह बेहद ही खुशमिजाज और जिंदादिल इंसान था. बीते 12 फरवरी को राज रतन ने आदित्यपुर- 1 दस नम्बर रोड निवासी बसंत सिंह की बेटी से प्रेम विवाह किया था. उसके बाद वह अपने माता- पिता से अलग आइडीटीआर के समीप स्थित साई आंचल सोसायटी में किराए की मकान में रह रहा था. उसका परिवार जमशेदपुर के परसुडीह के बारीगोड़ा में रहता है.
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शादी के बाद से ही राज रहता था परेशान: कर्मी
कर्मी ने बताया कि शादी के बाद से ही राज परेशान रह रहा था. साथ ही काम जल्दी खत्म कर घर चला जाता था. जबकि पहले छुट्टी के बाद घंटों दोस्तों और सहकर्मियों के साथ समय बिताता था. राज को शादी के बाद अपनी पत्नी के चरित्र पर शक होने लगा था. इस कारण उसने अपने फुफेरे ससुर सत्यप्रकाश को यह बात बताई थी. सत्यप्रकाश को लेकर अक्सर राज चिंतित रहता था. घर पर नहीं होने पर अक्सर सत्यप्रकाश यहां आता और घंटों उसकी पत्नी संग समय बिताता था. राज रिश्तों की अहमियत को लेकर उसे कुछ बोल नहीं पाता था. राज की पत्नी बगैर उसे बताए सत्यप्रकाश के साथ मायके के बहाने शॉपिग करने निकल जाया करती थी. घर की एक चाबी राज के छोटे साले और दूसरी चाबी राज के पास रहती थी.
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एमजीएम से साले व सत्यप्रकाश के फरार होने व पत्नी के बयान पर गहराया शक
राज रतन श्रीवास्तव के फांसी लगाने की सूचना राज की पत्नी पिंकी ने कंपनी के सहकर्मी को दी. मगर उससे पहले ही राज के छोटे साले और फुफेरे ससुर ने पुलिस को सूचना देते हुए उसे एमजीएम अस्पताल ले गए. जहां चिकित्सकों ने राज को मृत घोषित कर दिया. उसके बाद साले ने घोषणा पत्र पर गलत मोबाइल नंबर देकर अपने फूफा यानी सत्यप्रकाश के साथ मौके से फरार हो गया. जब कंपनी के सहकर्मी एमजीएम अस्पताल पहुंचे तो वहां कोई नहीं था. सहकर्मियों ने राज के पिता को इसकी जानकारी दी. उसके बाद पिता व राज के अन्य रिश्तेदार एमजीएम अस्पताल पहुंचे थे.
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मृतक के पिता के साथ डटे रहे सहकर्मी
घटना की जानकारी मिलते ही मिथिला मोटर्स में काम कर रहे राज के कुछ सहकर्मी उसके घर की तरफ भागे, तो कुछ एमजीएम अस्पताल की ओर. धीरे- धीरे कंपनी के लगभग सभी कर्मचारी एमजीएम अस्पताल पहुंच गए. किसी को इस बात का भरोसा नहीं हो रहा था कि उनके बीच का एक अधिकारी इस तरह दुनिया से रुखसत हो जाएगा. कल तक हंसता- खेलता इंसान आज अचानक से आत्महत्या जैसी घटना को अंजाम दे देगा. हर कर्मचारी राज रतन श्रीवास्तव के प्रति सहानुभूति जता रहा था. यहां तक कि देर रात तक सभी सहकर्मी आदित्यपुर थाने में राज रतन श्रीवास्तव के पिता के साथ डटे रहे.
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