Adityapur (Sanjeev Mehta) : नियोजन नीति पर छिड़ी जंग के बीच भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रमेश हांसदा ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर हेमंत सोरेन सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मैंने 2021 की नियोजन नीति पर जनहित याचिका दायर की थी. क्योंकि राज्य में पढ़ने वाले बच्चे यहां की नियोजन नीति में आ जाते. अगर वे यहां से मैट्रिक और इंटर कर लेते तो भीतरी और राज्य के मूल निवासी के बच्चे अगर बाहर शिक्षा ग्रहण करते तो वे बाहरी हो जाते. उन्होंने अंग्रेजी और हिंदी को हटाने को भी चुनौती दी थी. इस पिटीशन पर वह नीति रद्द हो गई. अब मंत्री चम्पई सोरेन जगह-जगह बोल रहे हैं कि यूपी बिहार के लोग इसे रदद् करवाये जो कि गलत है. मैं इसका विरोध करता हूं, उन्हें खुली चुनौती देता हूं कि वे मुझसे इस विषय पर खुले मंच पर बहस करें.
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चम्पई सोरेन स्थानीय लोगों को बरगलाने का काम बंद करें
चम्पई सोरेन स्थानीय लोगों को बरगलाने का काम बंद करें. अब 60:40 की नीति पर राज्य में अलगाव पैदा कर रहे हैं. रघुवर दास ने 2016 में जो नियोजन नीति बनाई थी. वह कारगर था. सरकार उसी को लागू करे, चूंकि वह सभी के लिए हितकारी था. उससे बेहतर नीति नहीं हो सकती. हेमंत सरकार ने जो 60 फीसदी राज्यवासियों के लिए 40 फीसदी ऑल इंडिया के लोगों के लिए आरक्षण की नीति बनाई है, वह गलत है. इससे राज्य का विकास अवरुद्ध होगा.
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जेएमएम के सारे नेता कंफ्यूज हैं
रमेश हांसदा ने कहा कि जेएमएम के सारे नेता मंत्री इस मामले में कंफ्यूज हैं. वे तथ्यों के साथ बहस करें, मैं तैयार हूं. सरकार ने जो निजी क्षेत्र में 75 फीसदी आरक्षण लागू किया है, वह भी दोषपूर्ण है. चूंकि अब तक यह साफ नहीं है कि स्थानीय कौन हैं? प्रेसवार्ता में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रमेश हांसदा के साथ भाजपा जिला मंत्री अभिजीत दत्ता, भाजपा के युवा नेता बिशु महतो, सक्रिय सदस्य महाजन साव, भाजपा मंडल उपाध्यक्ष पवन महतो, रवि गोप आदि शामिल थे.
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