Adityapur : आकाशवाणी जमशेदपुर में कार्यरत कथाकार पंकज मित्र को लखनऊ में आनंद सागर कथाक्रम सम्मान से नवाजा गया. सम्मान समारोह रविवार को कैफी आजमी सभागार में आयोजित किया गया था. इसमें वरिष्ठ कवि नरेश सक्सेना, कथाकार रणेंद्र और पंकज मित्र को सम्मानित किया गया. सम्मान समारोह में पंकज मित्र ने कहा कि लिखना व्यक्तिगत के साथ सामाजिक कर्म भी है. साहित्य लेखन का मकसद मनुष्य को गिरने से बचाए रखना है. कथाओं के माध्यम से जीवन मूल्य एक से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित होता है. वर्तमान में यथार्थ का सही रूप पहचानना कठिन हो रहा है. धर्म, राजनीति और बाजार का मिश्रण लोगों को पसंद आ रहा है.
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बता दें कि 13 जनवरी 1965 को रांची में जन्मे पंकज मित्र हिन्दी कथा परिदृश्य पर 90 के दशक में सामने आए कथाकारों में अन्यतम हैं. उनकी कहानियों में गांव व कस्बे का यथार्थ अपनी धड़कनों और हलचलों के साथ प्रकट होता है. साथ ही उनमें समकालीन भारतीय समाज की विसंगतियों और बाजारवाद से मुठभेड़ भी है. उनकी देशज भाषा में बोलियों की मिठास है. अब तक उनकी चार कहानी संग्रह प्रकाशित और चर्चित हो चुकी है. वह रंगमंच से भी जुड़े हैं और रांची ईप्टा के अध्यक्ष हैं. पंकज मित्र को इंडिया टुडे, भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता, वनमाली जैसे सम्मानों से भी सम्मानित किया जा चुका है.