Ranchi : राज्य में शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए हेमंत सोरेन सरकार की महत्वाकांक्षी मॉडल स्कूल बनाने की प्रक्रिया धीमी पड़ गयी है. जनवरी में 27 मॉडल स्कूल बनाने के लिए जो टेंडर निकला था, वह रद्द हो गया है. उसके बाद से अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं की गयी है. ऐसे में यह सवाल लगातार उठ रहा है कि आखिर मॉडल स्कूलों के लिए टेंडर और वर्क ऑर्डर जारी करने की प्रक्रिया कब शुरू होगी. हालांकि सूत्रों से यह जानकारी मिल रही है कि विभागीय स्तर पर इस दिशा में फाइल मूवमेंट शुरू हो गया है.
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पहले चरण में 80, दूसरे में 500 और तीसरे में पंचायत स्तर पर बनेगा मॉडल स्कूल
राज्य में बनने वाले मॉडल स्कूल प्रक्रिया को तीन चरणों में बांट कर किया जाना है. पहले चरण में कुल 80 स्कूलों को मॉडल बनाया जाना है. वहीं दूसरे में 500 और तीसरे चरण में पंचायत स्तर पर बाकी बचे स्कूलों को मॉडल बनाने की योजना है. पहले चरण के 80 मॉडल स्कूलों में से 27 का चयन किया जा चुका है. इस साल फरवरी माह में इसके लिए टेंडर भी जारी करने की बात हुई थी, लेकिन टेक्निकल गड़बड़ी के कारण यह प्रक्रिया पूरी तरह से रुक गयी. उसके बाद कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने मॉडल स्कूल बनाने के काम में पूरी तरह से ब्रेक लगा दिया. बता दें कि मॉडल स्कूल बनाने की पूरी प्रक्रिया का निरीक्षण राज्य के मुख्यमंत्री स्वयं कर रहे हैं.
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जानिये, मॉडल स्कूलों की क्या होंगी विशेषताएं
• बनने वाले मॉडल स्कूलों में प्राथमिक कक्षा से लेकर 12 वीं तक की पढ़ाई होगी.
• मॉडल स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए IIM, XLRI, NCERT, NEIP जैसी संस्थाओ से इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी.
• सभी स्कूलों को CBSC से जोड़ा जाएगा. स्कूलों में 1000-1200 बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की जाएगी.
• स्कूलों में बच्चों का चयन मेरिट के आधार पर होगा. जिसके लिए इन बच्चों का टेस्ट लिया जाएगा.
• बच्चों की अंग्रेजी में सुधार लाने के लिए NCERT व NEIP जैसी संस्थाओं से मदद ली जाएगी.
• इसके अलावा मॉडल स्कूलों में बच्चों के पठन-पाठन की क्षमता में सुधार के लिए भी एक अभियान प्रारंभ करने की योजना है. इस अभियान का नाम ‘आओ पढ़े, खूब पढ़े’ है. इसके तहत बच्चों को कहानियां, आलेख आदि की पुस्तकें पढ़ाने का अभ्यास करवाया जाएगा.