Dumka : दुमका में होनेवाले ऐतिहासिक हिजला मेला का आयोजन इस वर्ष नहीं होने से लोगों में नाराजगी है. यह मेला लगातार 131 वर्षों से आयोजित होता आ रहा था. इस मेले का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी रहा है. 2021 में कोरोना के कारण मेले का आयोजन नहीं होने से ग्रामीण काफी अक्रोशित भी हैं. ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दुमका के विधायक बसंत सोरेन से सवाल पूछा है कि आखिर अबुवा राज में राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव का आयोजन क्यों नहीं हो रहा है?
इसे भी पढ़ें – CoronaUpdate : 24 घंटे में 15 हजार से ज्यादा केस, 106 की मौत,डरने लगे हैं लोग
ग्रामीणों ने बैठक कर जताया विरोध
हिजला गांव के ग्रामीण और दिसोम मरांग बुरू संताली अरीचली आर लेगचार अखड़ा ने एक कुल्ही दुरूप (बैठक) की. ग्रामीणों का कहना है कि राज्य का एकमात्र राजकीय जनजातीय महोत्सव हिजला मेला है. ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान समय में ही दुमका और आसपास के गांवों में फुटबॉल मैच का आयोजन किया जाता है. इसमें सत्ताधारी और विपक्ष दोनों तरफ के नेता शामिल होते हैं. प्रशासन के अधिकारी भी इनमें शामिल होते हैं.
दुमका के हाट-बाजार भी लग रहे हैं. इसके साथ साथ झारखंड से सटे राज्य बंगाल के साथ-साथ कई राज्यों में चुनाव भी होने वाले है. जहां वर्तमान समय में बड़ी-बड़ी रैलियां और सभाएं हो रही हैं. लेकिन अबुवा राज में कोरोना के कारण राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव का आयोजन नहीं होना ग्रामीणों को समझ से परे लग रहे है.
इसे भी पढ़ें –बिहार में निजी अस्पतालों में भी मिलेगा कोरोना वैक्सीन मुफ्त, नीतीश सरकार करेंगे वादा पूरा
चुनाव के वक्त माथा टेकने आते है नेता, वादा कर भूल जाते हैं
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जब कोरोना पूरे उफान पर था, उस समय दुमका और अन्य विधानसभाओं में सफल उपचुनाव भी हुआ है. हिजला मेला नहीं होने पर ग्रामीणों ने रोष और नाराजगी जतायी है. हिजला गांव के ग्रामीणों में यह भी रोष है कि हिजला मेला परिसर में स्थित संताल आदिवासियों के पूजा स्थल दिसोम मरांग बुरु थान का अब तक पक्कीकरण नहीं कराया गया है. जबकि चुनाव के समय सत्ता पक्ष के कई दिग्गज नेताओं ने यहां आकर माथा टेका था.
इसे भी पढ़ें –नियोजन नीति रद्द करने के खिलाफ भाजपा का हंगामा, स्पीकर ने कार्यवाही 1 घंटे के लिए स्थगित की
अखड़ा और ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री और विधायक से की मांग
अखड़ा और ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दुमका विधायक बसंत सोरेन से यह मांग की है कि जनजातीय हिजला मेला महोत्सव का आयोजन किया जाये. साथ ही दिसोम मरांग बुरु थान का भव्य पक्कीकरण किया जाये. इस मौके पर सोम हांसदा, गणेश हांसदा, मरकुस हेंब्रम, लाल हांसदा, दिलीप सोरेन, विलास हेम्ब्रम, सीता राम सोरेन, सुनिलाल हांसदा, रामेश्वर हांसदा, बुदिलाल हांसदा, विनोद हांसदा, पुलिस हांसदा, दुलार मरांडी, फुलमुनि मुर्मू, टेरेसा सोरेन, छोटू किस्कू, सुहागनी मुर्मू, संतोष हेम्ब्रम, ललिता किस्कु, संजय हांसदा, मनोज हेम्ब्रम, कदरु हांसदा सहित काफी संख्या में महिला और पुरुष उपस्थित थे.
इसे भी पढ़ें –फिर बिगड़ा रसोई का जायका, घरेलू सिंलेडर 25 रुपये हुआ महंगा