Ranchi: बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को केंद्र ने दिल्ली बुला लिया है. बतौर मुख्य सचिव उनका कार्यकाल खत्म हो गया था, लेकिन चार दिन पहले ही ममता सरकार ने तीन महीने के लिए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया था. लेकिन अब शुक्रवार को केंद्र सरकार ने अलापन बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुला लिया है. अलापन बंद्योपाध्याय को ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है. केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, अलापन बंद्योपाध्याय को अब केंद्र में नई जिम्मेदारी दी जाएगी. उन्हें 31 मई की सुबह 10 बजे से पहले रिपोर्ट करना है. केंद्र सरकार ने बंगाल सरकार से उन्हें जल्द से जल्द रिलीव करने का अनुरोध किया है. हालांकि अलापन बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने की वजह उनका पीएम मोदी की बैठक में देर से पहुंचना माना जा रहा है. वहीं इस मामले के और भी सियासे मायने निकाले जा रहे हैं. इस घटना के बाद झारखंड गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के एक ट्विट से ब्यूरोक्रेसी में काफी गुस्सा देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि निशिकांत दुबे झारखंड के आएएस और आईपीएस अधिकारियों को धमकी दे रहे हैं.
हेमंत के इशारे पर नाचने वाले करिए दिल्ली पोस्टिंग का इंतजार
गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की तरफ से शनिवार को एक अजीबोगरीब ट्विट किया है. उन्होंने अपनी ट्विट में लिखा है कि “मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के इशारे पर नाचने वाले अधिकारियों अलटा जी, पलटा जी, भजन जी, अच्छा जी, कच्चा जी, ईजी, ऊची सबके लिए सबक. कानून के अनुसार चलिए, कानून सम्मत काम करिए नहीं तो दिल्ली पोस्टिंग का इंतजार करिए”. निशिकांत दुबे ने इस ट्विट के साथ झारखंड पुलिस को भी टैग किया है. निशिकांत के इस ट्विट से साफ होता है कि वो झारखंड के सीनियर पुलिस अधिकारी और अहम पद की जिम्मेदारी संभाल रहे आईएएस अधिकारी हैं.
इससे पहले रघुवर ने दी थी धमकी
2016 के राज्यसभा चुनाव हॉर्स ट्रेडिंग मामले में पीसी एक्ट के तहत मामला चलाये जाने पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी अधिकारियों को निशाने पर लिया था. उन्होंने कहा था कि झारखंड सरकार छह साल पुराने राज्यसभा चुनाव 2016 मामले में नयी धाराएं जोड़ कर मुझे भी इसमें शामिल करने का प्रयास कर रही है. कहा कि मामले को जीवित रखने के लिए सरकार के इशारे पर कुछ काबिल अधिकारियों ने इसमें नयी धाराएं जोड़ने का प्रयास शुरू किया हैं. झारखंड में पहली बार विद्वेष और बदले की राजनीति की शुरुआत हो रही है. लेकिन किसी को यह भूलना नहीं चाहिए कि यहां कुछ भी शाश्वत नहीं है. दरअसल यह 2024 की तैयारी है. मुख्यमंत्री जी चुनाव तक यह मामला खींचना चाहते हैं. कहा कि जो अधिकारी यह सोच रहे हैं कि अभी गंदगी फैला लेंगे और 2024 तक रिटारमेंट के बाद आराम की जिंदगी बसर करेंगे, तो यह उनकी भूल है. सभी की जिम्मेदारी तय की जायेगी. गलत करके बचने की उम्मीद छोड़ दें.
झारखंड महिला मोर्चा ने दिया जवाब
निशिकांत दुबे की ट्विट का जवाब झारखंड महिला मोर्चा के ट्विटर हैंडल से दिया गया है. निशिकांत दुबे के ट्विट को अटैच करते हुए ट्विट किया गया है. ट्विट कर लिखा गया है कि “मधुपुर उपचुनाव के बाद से फर्ज़ी डिग्रीधारी महान ठग को बाबा भोलेनाथ का क्रोध झेलने का भय दिख रहा है. प्रचंड अहंकारी निशिकांत दुबे जी में अनायास गोड्डा सीट बचाने को लेकर अजीब सा कौतूहल दिख रहा है. महाशय, जनता से आपका डर वाजिब है. आपकी यह हताशा आपका भागलपुर का मार्ग प्रशस्त करेगी.”