Ranchi : लोहरदगा के नक्सल प्रभावित इलाके सेरेंगदाग में शुक्रवार को गश्त पर निकली पुलिस टीम पर हमले के बाद नक्सलियों के खिलाफ पुलिस मुख्यालय ने बड़ा अभियान शुरू कर दिया है. नक्सलियों के खिलाफ इस अभियान में झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ और जिला बल के जवानों की भी तैनाती की गयी है. वहीं जगुआर की स्मॉल एक्शन टीमों को अलग-अलग लोकेशन पर तैनात किया गया है. पुलिस की ओर से लोहरदगा- लातेहार, लोहरदगा-गुमला और लोहरदगा-रांची सीमा पर विशेष चौकसी बरती जा रही है.
गश्त पर निकली पुलिस की टीम पर नक्सलियों ने किया था हमला
लोहरदगा के नक्सल प्रभावित इलाके सेरेंगदाग में शुक्रवार को गश्त पर निकली पुलिस टीम और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गयी थी. नक्सलियों ने पहले आइइडी विस्फोट किया और उसके बाद जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. साथ ही हैंड ग्रेनेड से भी हमला किया. गश्ती टीम ने भी जवाबी फायरिंग की. खुद को कमजोर पड़ता देखकर नक्सली फायरिंग करते हुए जंगल में भाग गये. इस मुठभेड़ में लोहरदगा जिला बल के हवलदार उपेंद्र कुमार सिंह (58 वर्ष) और सैप के जवान अंजनी कुमार पांडेय (56 वर्ष) घायल हो गये हैं. दोनों को इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से रांची लाया गया, जहां वे मेडिका अस्पताल में भर्ती हैं.
रवींद्र गंझू दस्ता लोहरदगा में पुलिस को लगातार दे रहा है चुनौती
लोहरदगा में करीब एक साल बाद फिर से माओवादी दस्ते की गतिविधि शुरू हो गयी है. पिछले साल दिसंबर 2019 में महज 13 दिनों में तीन वारदातें हुईं थीं. इन तीनों वारदातों के पीछे माओवादी रवींद्र गंझू के दस्ते का हाथ सामने आया था. इस घटना में भी उसी दस्ते के शामिल होने की आशंका जतायी जा रही है. जिस ढंग से आइइडी विस्फोट किया गया और पुलिस को निशाना बना कर हमला किया गया, उसमें रवींद्र गंझू दस्ता विशेषज्ञ माना जाता.