प्रशिक्षकों का भविष्य असुरक्षित
Bermo: राज्य के विभिन्न जिलों सहित बोकारो जिले के उच्च और +2 विद्यालयों में कार्यरत व्यावसायिक प्रशिक्षकों (वोकेशनल ट्रेनर) को एजेंसी ने सेवा समाप्त करने का नोटिस दे दिया है. इससे वे परेशान हैं. वे सरकार से सेवा फिर से बहाल करने के लिए उचित कदम उठाने की मांग कर रहे हैं.
केंद्र सरकार की है परियोजना
दरअसल इन प्रशिक्षकों की बहाली थर्ड पार्टी आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा होती है. यह राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की एक परियोजना के अंतर्गत व्यावसायिक शिक्षा को बेहतर करने और व्यवस्थित संचालन करने के लिए किया गया है. केंद्र सरकार की यह परियोजना इतनी प्रभावी है कि इससे राज्य के बहुत सारे विद्यार्थी तकनीकी और क्रियात्मक रूप से ज्ञान हासिल कर आगे बढ़ रहे हैं.
बोकारो के ट्रेनर राजकिशोर महतो का कहना है कि व्यावसायिक शिक्षा को सीधे बच्चों तक पहुंचाने वाले ट्रेनरों का भविष्य राज्य में सुरक्षित नहीं है. प्रत्येक वर्ष प्राइवेट कंपनी द्वारा टेंडर किया जाता है. फिर नए प्रशिक्षकों की नियुक्ति होती है और कार्यरत प्रशिक्षकों को हटा दिया जाता है. इसका असर सीधा बच्चों पर पड़ता है.
बच्चों को हो रहा था फायदा
वर्तमान में राज्य में तीन मुख्य व्यावसायिक विषय ऑटोमोटिव, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं हार्डवेयर पढ़ाने के लिए प्रशिक्षक नियुक्त किए गये थे. इसमें बच्चों को फायदा हो रहा था. एक झटके में बंद कर दिया. ट्रेनरों की मांग है कि व्यावसायिक प्रशिक्षक जिस स्कूल में कार्यरत हैं, उन्हें उसी स्कूल में रहने दिया जाए. ऐसे नियम बनाये जायें कि वोकेशनल ट्रेनरों का भविष्य सुरक्षित रहे.