Ranchi: बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री रणधीर सिंह ने कहा है कि झारखंड सरकार का कृषि और पशुपालन विभाग फेल हो गया है. विभागीय मंत्री बादल पत्रलेख लगातार खानाबदोश की तरह घूम रहे हैं. अधिकारियों पर उनकी कोई पकड़ नहीं है. कृषि विभाग ने पिछली सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं को बंद कर दिया. पहली ही कैबिनेट ने इस सरकार ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को बंद कर दिया. वहीं 2 लाख तक कृषि लोन माफ करने की बात करने वाली सरकार 50 हजार की सीमा पर ही अटक गयी. वहीं विभाग अबतक इस वित्तीय वर्ष के बजट की 40 फीसदी राशि भी खर्च नहीं कर पाई है. रणधीर सिंह प्रदेश बीजेपी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे.
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31 दिसंबर 2021 तक सिर्फ 38.64 फीसदी राशि खर्च हुई
विधायक ने कहा कि रघुवर सरकार में 2018-19 तक दिसंबर महीने में कृषि विभाग के निर्धारित बजट का 40 फीसदी से अधिक खर्च हुआ. लेकिन 31 दिसंबर 20 में यह 4.20 फीसदी और 31 दिसंबर 2021 तक 38.64 फीसदी ही खर्च हो सका. यानी चालू वित्तीय वर्ष में विभाग ने बजट की 40 फीसदी राशि भी खर्च नहीं की है. उन्होंने कहा कि बीज वितरण के लिए राज्य सरकार ने 25 करोड़ का बजट रखा. इसमें से 3.30 करोड़ का ही उपयोग हो पाया है, बंजर भूमि, तालाब जीर्णोद्धार योजना के लिए 210 करोड़ में से एक रुपये भी खर्च नहीं किया जा सका है. इसी तरह तालाब पुनरुद्धार योजनाओं पर 360 करोड़ का बजट तय किया जिसमें से एक फीसदी भी व्यय नहीं हुआ है.
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7 लाख किसान लोन माफी के इंतजार में बैठे हैं
विधायक ने कहा कि राज्य में 11 लाख से अधिक किसान हैं, लेकिन राज्य सरकार के स्तर से लोन माफी का लाभ नहीं मिल पाने से 4 लाख से ज्यादा किसानों का खाता एनपीए हो गया है. किसान कर्जदार होते जा रहे हैं. 7 लाख से अधिक किसान लोन माफी के इंतजार में बैठे हैं. वहीं केंद्र की ओर से किसान सम्मान निधि के तहत 6000 रुपये सालाना दिया जा रहा है. लेकिन इस सरकार ने 4 लाख किसानों के नाम इस सूची से हटा दिया है. कृषि यांत्रिकीकरण योजना के तहत 75 करोड़ रुपये तय किये. इसमें भी एक प्रतिशत तक नहीं खर्च हुआ. बिरसा ग्राम विकास योजना के तहत 61 करोड़ में से खर्च शून्य है. इसी तरह केंद्र से राष्ट्रीय बागवानी मिशन, पीए कृषि सिंचाई योजना और अन्य योजनाओं पर व्यय के मामले में रिकॉर्ड खराब है.