NewDelhi : राहुल गांधी द्वारा कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दो करोड़ हस्ताक्षर वाला ज्ञापन सौंपे जाने को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पलटवार किया है. कहा कि राहुल गांधी को कांग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती, देश का तो सवाल ही नहीं उठता.
तोमर ने कहा कि आज जब वे राष्ट्रपति को विरोध व्यक्त करने गये तब कांग्रेस से कोई भी नेता किसानों से हस्ताक्षर करवाने नहीं आया और न किसानों ने हस्ताक्षर किये. अगर राहुल गांधी इतने ही चिंतित हैं तो जब उनकी सरकार सत्ता में थी, उन्हें किसानों के लिए कुछ करना चाहिए था. आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा किसान विरोधी रही है.
बता दें कि राहुल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन सौंपे जाने के साथ केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. तंज कसा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत भी आंदोलनकारी किसानों का समर्थन कर दें तो मोदी सरकार उन्हें भी आतंकवादी करार दे देगी, उधर, विपक्षी दलों ने संयुक्त बयान जारी कर प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से लगाये गये आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पीएम किसानों के मुद्दे पर लगातार झूठ बोल रहे हैं.
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कृषि मंत्री से मिल 60 किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने दिया समर्थन
दिल्ली: किसान मजदूर संघ, बागपत के 60 किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की। pic.twitter.com/TmR4fNma3a
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 24, 2020
खबरों के अनुसार उत्तर प्रदेश के बागपत का किसान मजदूर संघ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिला और कृषि कानूनों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया. तोमर के अनुसार किसान मजदूर संघ, बागपत कृषि भवन में आये हमने उनका स्वागत किया. इन्होंने मुझे समर्थन पत्र भी दिया.
प्रधानमंत्री की आलोचना की विपक्ष ने
विपक्षी दलों ने किसानों को भरोसे में लेने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों को धोखा बताया है. संयुक्त बयान जारी कर पीएम की तरफ से विपक्ष पर लगाये गये आरोपों का विरोध करते हुए बयान जारी किया. कहा कि पीएम कृषि कानूनों के बारे में किसानों से बार-बार झूठ बोल रहे हैं और विपक्ष पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगा रहे हैं. विपक्षी दलों ने मौजूदा कृषि कानूनों के साथ-साथ इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल, 2020 को निरस्त करने की मांग भी की.