Ranchi: कोरोना की स्थिति में सुधार होने से रांची एयरपोर्ट से यात्रियों में वृद्धि होने पर फेयर बढ़ सकता है. यात्रियों की तुलना में कम सेवाएं होने के कारण इससे विमान कंपनी को मुनाफा तो होगा लेकिन इससे यात्रियों की जेबें कट सकती हैं. रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से केवल 70 फीसदी सेवाएं ही परिचालित होंगी. यात्री बढ़ने और कम फ्लाइट होने से यात्रियों को कम सीटें होने पर अधिक फेयर देना पड़ सकता है.
जुलाई शुरू होते ही रांची एयरपोर्ट से फेयर में वृद्धि हुई है. रांची से दिल्ली का 5,315 रुपये, बेंगलुरु का किराया 6,977 रु फेयर है. इसमें और वृद्धि हो सकती है. जबकि रांची से मुंबई जानेवाले यात्रियों में कमी के कारण किराया अभी 4,177 के करीब है. इससे आनेवाले समय में यात्रियों की वृद्धि हो रही है. संख्या में उतार-चढ़ाव के बावजूद गत चार जुलाई को रांची से आवाजाही करनेवाले यात्री पांच हजार के करीब पहुंच गए हैं. हालांकि अगले ही दिन पांच जून को यात्रियों की संख्या घटकर तीन हजार के करीब हो गई. बावजूद इसके एयरपोर्ट अथॉरिटी उत्साहित है. इसके अधिकारी फेयर वृद्धि से इनकार कर रहे हैं.
तीसरी लहर के आने की संभावना से केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने 65 फीसदी विमान सेवाओं को संचालित करने का फैसला किया है. इससे रांची एयरपोर्ट से केवल 23 से 24 विमान सेवाओं का ही परिचालन होगा. रांची से विभिन्न शहरों के लिए सामान्य दिनों में 31 नियमित विमान सेवाएं उपलब्ध हैं.
कोरोना संक्रमण शुरू होने से पहले वर्ष 2020 के जनवरी-फरवरी माह में रांची एयरपोर्ट से आवाजाही करने वाले यात्रियों की सामान्य संख्या दस हजार के करीब पहुंच गई थी. कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद लॉकडाउन से परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ. मौजूदा समय में 14 से 17 विमान सेवाओं का परिचालन हो रहा है. एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार रांची एयरपोर्ट से आवाजाही बढ़ रही है. उनके अनुसार महीने के अंत तक सफर करने वाले यात्रियों में और सुधार होने की पूरी गुंजाइश है.
इस बारे में एयरपोर्ट निदेशक विनोद शर्मा ने बताया कि रांची एयरपोर्ट से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या और विमान सेवाएं बढ़ रही है. यहां से अधिकत्तम 80 फीसदी सेवाओं का परिचालन होगा. ऐसी स्थिति में यदि यात्रियों की संख्या बढ़ती है भी तो एयरलाइंस अधिक भाड़ा नहीं ले सकते. सरकार की इस पर नजर है.