Ranchi: राज्य सरकार में विभिन्न पदों पर आरक्षण के आधार पर प्रोन्नत सरकारी सेवकों की परिणामी वरीयता का विस्तार विधेयक 2022 के विरुध्द आपत्तियों को लेकर आजसू के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की. इस प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के प्रधान महासचिव डॉ. लंबोदर महतो और केंद्रीय उपाध्यक्ष उमाकांत रजक शामिल थे.
बता दें कि बजट सत्र के दौरान राज्य सरकार के विभिन्न पदों पर आरक्षण के आधार पर प्रोन्नत सरकारी सेवकों की परिणामी वरीयता का विस्तार विधेयक 2022 पारित किया गया था. सरकार द्वारा मूल रूप से यह कहा जा रहा है कि यह विधेयक संविधान के 85वें संशोधन के मद्देनजर लाया गया है. विधेयक सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों एवं न्याय निर्णय के अनुरूप है. परंतु सरकार द्वारा लाये गए इस विधेयक में कई त्रुटियां हैं. जिसके सन्दर्भ में आपत्तियां दर्ज की जा रही हैं.
इसे भी पढ़ें-हजारीबाग : सीटू ने कहा- यह हड़ताल मील का पत्थर साबित होगी, दूसरे दिन भी मोटरसाइकिल रैली निकाली
आजसू प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन के माध्यम से बता कि- ‘‘स्पष्ट प्रतीत होता है कि राज्य सरकार द्वारा लाया गया यह विधेयक त्रुटिपूर्ण एवं सर्वोच्च न्यायालय के न्याय निर्णयों के प्रतिकूल है. ऐसा प्रतीत होता है कि विधेयक आनन-फानन एवं जल्दबाजी में बिना समग्र अध्ययन के ही पारित कराया गया है. राज्य सरकार द्वारा पूर्व में लाए गए कई विधेयक एवं नीतियों को न्यायालय में चुनौती दी गई है. जिसमें न्यायालय के द्वारा राज्य सरकार के विरुद्ध आदेश पारित करते हुए असंवैधानिक घोषित किया गया है.’’
प्रतिनिधमंडल ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि राज्य सरकार द्वारा लाए गए इस विधेयक की कानूनी बिंदुओं एवं झारखंड उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ के न्याय-निर्णयों के मद्देनजर पुनर्विचार करने हेतु वापस की जाये.
इसे भी पढ़ें-जमशेदपुर: भालुबासा में कई फर्जी लोगों व भाजपा कार्यकर्ताओं को दी गई दुकान की चाभी- चेतन मुखी
[wpse_comments_template]