Lucknow : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार के लापता होने के मामले पर चिंता जताते हुए कहा कि यह गंभीर मामला है. आदेश जारी किया कि राज्य सरकार इस मामले में 14 जून तक जवाब दाखिल करे. पूछा है कि उनकी तलाश मे शासन ने क्या कदम उठाये हैं.
कोर्ट ने जांच एजेंसी को हलफनामा दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया है कि कोर्ट से अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद गिरफ्तारी के क्या प्रयास किये गये. बता दें कि जस्टिस मनोज मिश्रा और सैयद आफताब हुसैन रिजवी की बेंच ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.
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पाटीदार को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है
जानकारी के अनुसार कबरई के व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी मौत के मामले में निलंबित एसपी मणिलाल पाटीदार को पुलिस आज तक नहीं खोज सकी है. पाटीदार को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है. साथ ही उन पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा गया है. लेकिन आठ माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी कोई सुराग नहीं लगा है.
कोर्ट ने पूछा है कि क्या परिवार के किसी सदस्य ने लापता होने की शिकायत की है और ऐसा किया गया है तो उस पर क्या कार्रवाई की गयी. पूछा कि क्या पुलिस ने पाटीदार का मोबाइल फोन सर्विलांस पर डाला है? उसकी लास्ट लोकेशन क्या थी. क्या पुलिस ने परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज किये हैं, बयान की प्रकृति क्या है, उसका भी खुलासा किया जाये. क्या पुलिस ने पाटीदार की गिरफ्तारी के लिए कुर्की कार्यवाही की है, इन सभी तथ्यों की जानकारी कोर्ट ने मांगी है.
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वकील डॉ मुकुटनाथ वर्मा ने याचिका दायर की है
खबरों के अनुसार वकील डॉ. मुकुटनाथ वर्मा ने याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है, महोबा के निलंबित पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार लापता हैं. मांग की है कि उन्हें कोर्ट में पेश करने के आदेश दिये जायें. याचिका में मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की भी मांग की गयी है. कहा गया कि पाटीदार खनन माफिया के खिलाफ अभियान चला रहे थे. इस कारण प्रशासन के कुछ लोगों के साथ उनके संबंध खराब हो गये. आरोप है कि पाटीदार को कुछ मामलों में फंसा दिया गया.
एसपी पाटीदार के खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं
सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि पाटीदार के खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. वह कई वकीलों के संपर्क में होंगे. उन्होंने अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी, जो खारिज हो गयी है. उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि इस याचिका में अधिकारियों पर लगाये गये आरोप व्यक्तिगत जानकारी के नहीं हैं. ऐसे में इन आरोपों पर कोई आदेश किया जाये. सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व एडवोकेट संजय कुमार यादव ने भी पक्ष रखा.
मणिलाल पाटीदार की जान को खतरा है
याची का कहना है कि पाटीदार ने उससे वॉट्सएप काल के माध्यम से 15 नवंबर 2020 को संपर्क किया और कहा कि वह केस के सिलसिले में 27 नवंबर 2020 को आ रहे हैं लेकिन वह नहीं आये. याचिका में कहा गया कि महोबा के एसपी रहे मणिलाल पाटीदार ने खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई की, जिससे कई बड़े अधिकारी उनसे नाराज हो गये. तभी से वह लापता हैं.
आशंका जताई गयी कि हो सकता है अधिकारियों ने उन्हें पकड़ लिया हो. उनकी जान को खतरा है इसलिए पाटीदार का पता लगाकर कोर्ट में पेश किया जाये. सरकार का कहना था कि अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए अधिकारियों को बदनाम करने के आरोप लगाये गये हैं. लेकिन कोर्ट ने कहा कि पाटीदार पुलिस में एसपी रैंक के अधिकारी रहे हैं. वह लापता हैं. जीवित हैं या नहीं, इसका पता लगाया जाना चाहिए. यह एक गंभीर मामला है, जिसका खुलासा होना ही चाहिए.
दो टीमें राजस्थान भेजी गयी
इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा महोबा के निलंबित एसपी मणिलाल पाटीदार के बारे में पूरी रिपोर्ट तलब करने और लापता होने के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगे जाने के बाद एक बार फिर गिरफ्तारी के प्रयास तेज हो गये हैं. चित्रकूट धाम मंडल परिक्षेत्र के आईजी के सत्यनारायण ने जिले से दो टीमें राजस्थान भेजी हैं. जो दस दिन रुककर लापता पाटीदार की तलाश करेंगी. रविवार को एक और टीम महोबा से राजस्थान भेजी जायेगी.