Ranchi : पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के बकोरिया में 8 जून 2015 को हुई कथित पुलिस नक्सली मुठभेड़ की जांच करने सीबीआई की टीम पलामू में कैंप कर रही है. इसी दौरान गुरुवार को सीबीआई की टीम चतरा गई थी. और इस कथित मुठभेड़ में मारे गये एक व्यक्ति के परिजनों से पूछताछ की. सीबीआई की टीम कई बिंदुओं पर जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि सीबीआई ने इस मामले में आधी से ज्यादा जांच पूरी कर ली है. जल्द ही सीबीआई की जांच रांची शिफ्ट होने वाली है. पलामू में सीबीआई का बकोरिया के लिए सिर्फ एक कैंप कार्यालय रहेगा. बाकी का अनुसंधान अब रांची में होगा.
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पिछ्ले तीन दिनों से पलामू में कैंप कर रही है सीबीआई की टीम
पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के बकोरिया में 8 जून 2015 को हुई कथित पुलिस नक्सली मुठभेड़ की जांच करने सीबीआई की टीम पलामू पहुंची हुई है. सीबीआई की एक टीम बीते 15 दिसंबर से पलामू में कैंप कर रही है. मिली जानकारी के अनुसार बकोरिया मुठभेड़ की जांच करने वाली एफएसएल टीम से सीबीआई पूछताछ करेगी. जबकि तत्कलीन, डीजी, एसपी , सीआरपीएफ आईजी, डीआईजी, कमांडेंट, कोबरा कमांडेंट, सहायक कमांडेट से सीबीआई की स्पेशल टीम पूछताछ करेगी. सीबीआई की टीम खूंटी स्थित कोबरा कैंप का भी जायजा लेगी. बता दे कि लॉकडाउन के पहले फरवरी महीने में भी सीबीआई की टीम इस मामले की जांच करने पलामू आयी थी. जिसके बाद एक बार फिर से सीबीआई की टीम पलामू पंहुच कर मामले की जांच कर रही है.
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हाइकोर्ट के कहने पर सीबीआइ ने दर्ज की थी प्राथमिकी
पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र बकोरिया में आठ जून 2015 को हुई कथित पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के मामले में सीबीआइ दिल्ली ने प्राथमिकी दर्ज की थी. यह प्राथमिकी झारखंड हाइकोर्ट के 22 अक्टूबर 2018 को दिये गये आदेश पर दर्ज की गयी थी. इस घटना में पुलिस ने 12 नक्सलियों को मुठभेड़ में मारने का दावा किया था. मृतकों के परिजनों ने इसे फर्जी मुठभेड़ बताते हुए हाइकोर्ट में सीआइडी की जांच पर सवाल उठाते हुए सीबीआइ जांच की मांग की थी. सीबीआइ ने पलामू के सदर थाना कांड संख्या 349/2015, दिनांक 09 जून 2015 के केस को टेकओवर करते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी.इस केस के शिकायतकर्ता तत्कालीन सतबरवा ओपी प्रभारी मोहम्मद रुस्तम हैं. उन्होंने लातेहार के मनिका थाना क्षेत्र के उदय यादव, चतरा के प्रतापपुर थाना क्षेत्र के निमाकातू निवासी एजाज अहमद, चतरा के प्रतापपुर थाना क्षेत्र के मझिगांव निवासी योगेश यादव और 9 अज्ञात मृतक के साथ ही एक अज्ञात नक्सली के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
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बकोरिया कांड में एडीजी तक का तबादला
बकोरिया कांड को सही बताने में मदद नहीं करनेवाले अफसरों को उनके पद से चलता कर दिया गया. ऐसे अफसरों में थानेदार से लेकर एडीजी रैंक के अफसर शामिल थे. इससे पहले भी 8 जून 2015 की रात पलामू के सतबरवा में हुए कथित मुठभेड़ के बाद कई अफसरों के तबादले कर दिये गये थे.तब एडीजी रेजी डुंगडुंग सीआइडी (रिटायर्ड) के एडीजी थे. सरकार ने उनका भी तबादला कर दिया था. इसके बाद रांची जोन की आइजी सुमन गुप्ता का भी तबादला किया गया था. क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर उस समय के पलामू सदर थाना के प्रभारी हरीश पाठक से मोबाइल पर बात की थी. बाद में हरीश पाठक को एक पुराने मामले में निलंबित कर दिया गया. पलामू के तत्कालीन डीआइजी हेमंत टोप्पो का भी तबादला कर दिया गया था. उनके बाद सीआइडी एडीजी पद पर पदस्थापित अजय भटनागर व अजय कुमार सिंह के कार्यकाल में मामले की जांच सुस्त तरीके से हुई. 13 नवंबर 2017 को सीआइडी के एडीजी के रूप में एमवी राव को पदस्थापित किया गया था. हाइकोर्ट के निर्देश पर उन्होंने घटना की जांच तेज कर दी थी. इसके कारण पुलिस विभाग के सीनियर अफसरों में हड़कंप मच गया था. इसके बाद एमवी राव का तबादला करा दिया गया.
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बिना जांच डीजीपी ने बांटी थी इनाम की राशि
बकोरिया में हुए कथित मुठभेड़ में 12 लोगों के मारे जाने की घटना के बाद अगले दिन नौ जून 2015 की सुबह तत्कालीन डीजीपी डीके पांडेय, तत्कालीन एडीजी अभियान एसएन प्रधान, स्पेशल ब्रांच के एडीजी अनुराग गुप्ता समेत अन्य सीनियर पुलिस अफसर हेलीकॉप्टर से बकोरिया पहुंचे थे. वहां मरे हुए लोगों को नक्सली घोषित कर दिया गया था. वहीं डीजीपी ने वहां मौजूद जवानों के बीच लाखों रुपये के नकद भी इनाम के तौर पर बांटे थे.
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