रवीन्द्र नाथ चौबे (वरिष्ठ समाजसेवी) : कोरोना गाइड लाइन के अनुपालन कराने के क्रम में उपायुक्त सूरज कुमार और जमशेदपुर जिला प्रशासन की कार्रवाई सह व्यवहार से आहत कुछ पूजा कमिटियों ने विसर्जन नहीं करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में ध्यान देने योग्य बात यह है कि दुर्गा पूजा समिति के लिए जो मुख्य सचिव के द्वारा गाइड लाइन जारी किया गया है वह मुख्यमंत्री, आपदा प्रबंधन मंत्री और पूरे कैबिनेट का फैसला है. इसलिए दोषी मुख्यमंत्री और आपदा प्रबंधन मंत्री को मानना चाहिए ना कि उपायुक्त या पुलिस पदाधिकारी को. क्योंकि उपायुक्त के नेतृत्व में जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है सरकारी आदेश को अनुपालन कराने की. पिछली रघुवर सरकार हो या वर्तमान में हेमंत सोरेन सरकार, मुख्यमंत्री के कारण आईएएस अधिकारियों की तानाशाही बढ़ गई है. इसलिए समाजविज्ञानी और प्रशासनिक जानकर होने के कारण मैं मानता हूं कि जमशेदपुर प्रकरण में सारा दोष मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता का है क्योंकि कोई भी आदेश निकालने के पूर्व उसकी अनुपालन कराने की व्यवहारिकता को जांच लेना चाहिए. अच्छी बात है कि बन्ना गुप्ता ने जन भावनाओं का आदर करते हुए जिला प्रशासन की ओर से पूजा कमिटियों से माफी मांग ली है. यह उनकी राजनीतिक परिपक्वता और लोकतांत्रिक संस्कृति का परिचायक है. इसलिए पूजा कमिटियों और विशेषकर अभय कुमार सिंह से आग्रह है बन्ना गुप्ता के माफीनामा को स्वीकार कर उपायुक्त सूरज कुमार को माफ कर इस प्रकरण का पटाक्षेप कर दें. आखिर पूजा कमेटी और सरकार दोनों जनता के द्वारा जनता के लिए ही कार्य करतीं हैं. सरकार भी व्यापक जनहित का ध्यान रखते हुए कभी-कभी कठोर फैसले लेती है और इसलिए समझदार नागरिकों को ऐसे कदम का समर्थन करना चाहिए.