NewDelhi : चुनाव आयोग ने गुरुवार को एक संसदीय पैनल से कहा कि भारत में रिमोट वोटिंग राजनीतिक दलों की सहमति से ही हो सकती है. बता दें कि ईवीएम पर राजनीतिक दलों द्वारा उठाये जा रहे सवालों के बीच चुनाव आयोग रिमोट वोटिंग की कवायद कर रहा है. इससे लोग अपने घरों से दूर रहते हुए भी अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए वोट डाल सकेंगे.
अध्यक्षता भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने की
जानकारी के अनुसार चुनाव पैनल के अधिकारियों ने व्यक्तिगत, लोक शिकायत, कानून और न्याय संबंधी स्थायी समिति के सामने कल एक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया. संसदीय पैनल की अध्यक्षता भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने की. बैठक में विधायी विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे.
खबर है कि रिमोट वोटिंग को लेकर आयोजित बैठक में अधिकारियों ने इससे संबंधित प्रक्रिया सहित रिमोट वोटर की अवधारणा, रिमोट वोटिंग का अंतरराष्ट्रीय अनुभव, भारत में वर्तमान रिमोट वोटर, रिमोट वोटिंग के लिए जरूरी तकनीक व प्रशासनिक कानूनी मुद्दों की जानकारी संसदीय पैनल को दी. साथ ही उन्होंने रिमोट वोटिंग में आने वाली समस्याओं पर भी मंथन किया.
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2024 लोकसभा चुनाव पूर्व रिमोट वोटिंग संभव
द इंडियन एक्सप्रेस ने सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा है कि प्रवासी आबादी का आंकड़ा उपलब्ध होने के आधार पर भविष्य में रिमोट वोटिंग मशीन अलग-अलग जगहों पर रखी जायेगी. जिसकी मदद से अपने निर्वाचन क्षेत्र में उपलब्ध नहीं रहने की दशा में भी लोगवोट कर सकेंगे. जान लें कि इसी साल मार्च में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा था कि 2024 लोकसभा चुनाव पूर्व रिमोट वोटिंग शुरू हो सकती है.
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आयोग की प्रवासी श्रमिकों की संख्या की मैपिंग शुरू करने की योजना
कहा था कि चुनाव आयोग आईआईटी मद्रास के साथ मिलकर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है. इसे प्रभावी करने के लिए आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रोफेसर रजत मूना की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गयी है, जिसमें चुनाव आयोग के अधिकारी समेत आईआईटी-दिल्ली, आईआईटी-बॉम्बे, आईआईटी-मद्रास के विशेषज्ञ शामिल किये गये हैं.
यह मुद्दा ऐसे समय में आया है जब चुनाव आयोग देश भर में प्रवासी श्रमिकों की संख्या की मैपिंग शुरू करने की योजना बना रहा है, जिससे रिमोट वोटिंग शुरू करने के लिए रोडमैप तैयार किया जा सके.
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स्थायी समिति अधिकारियों द्वारा सुझाये गये चुनावी सुधारों पर विचार कर रही है
खबर है कि स्थायी समिति अधिकारियों द्वारा सुझाये गये प्रमुख चुनावी सुधारों पर विचार कर रही है. इसमें वोटर आईडी को आधार से जोड़ना शामिल है. इस क्रम में झूठे हलफनामे दाखिल करने वाले निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई और ग्राम पंचायत से संसद तक सभी चुनाव कराने के लिए आम मतदाता सूची से संबंधित प्रस्तावों पर गौर करने का फैसला लिया गया है. हालांकि जानकारों का कहना है कि चुनाव आयोग भले ही रिमोट वोटिंग की तैयारी कर रहा हो, लेकिन ईवीएम पर विपक्षी दलों द्वारा लगातार संदेह किये जाने के बीच यह प्रक्रिया आसान नहीं होने वाली.