विधानसभा की विशेष समिति की रिपोर्ट पर निर्णय नहीं लेने से प्रोन्नति के सैकड़ों मामले लंबित

  • झारखंड में एसडीओ रैक के अधिकारियों के 190 पद खाली, सरकारी कामकाज पर हो रहा असर

प्रवीण कुमार

Ranchi : राज्य में अनुमडंल पदाधिकारी के स्तर के 190 पद खाली हैं. इससे सरकार के कामकाज पर काफी असर पड़ रहा है. राज्य भर में अनुमंडल पदाधिकारी के कई पद प्रभार में चल रहे हैं. इसके कारण जमीन के लंबित मामलों की संख्या काफी ज्यादा हो गयी है. झारखंड प्रशासनिक सेवा कैडर के अफसरों के लिए एसडीओ रैंक में प्रोन्नति के लिए 5 वर्ष की सेवा अनिवार्य है. लेकिन जेपीएससी तीसरे बैच के लगभग 125 पदाधिकारियों को लगभग 11 साल की सेवा के बाद भी प्रोन्नति का इंतजार है.

समय पर प्रोन्नति नहीं मिलने से इन अधिकारियों में आक्रोश है. विधानसभा में एससी-एसटी प्रोन्नति पर मामला उठने के बाद स्पीकर ने इसकी समीक्षा के लिए एक विशेष कमेटी बना दी थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 24 दिसंबर, 2020 को विशेष समिति के साथ बैठक के बाद राज्य में प्रोन्नति पर रोक लगा दी थी. अब समिति ने कुछ शर्तों के आधार पर प्रोन्नति पर लगी रोक को हटाने की अनुमति दी है. लेकिन सरकार द्वारा फैसला नहीं लिये जाने के कारण राज्य में प्रोन्नति पर रोक जारी है.

6 साल पहले ही हो गये प्रोन्नति के हकदार

तीसरी जेपीएससी के 125 अधिकारी 6 साल पूर्व भी प्रोन्नति के हकदार हो गये हैं. सरकार ने हाल ही में कहा था कि यदि लोगों के प्रमाण पत्र बनाने, नामांतरण या अन्य किसी काम में तय समय सीमा से ज्यादा देरी होगी, तो संबंधित अधिकारियों पर अनुशासनात्मक करवाई और अर्थदंड लगाया जायेगा. नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी कहते हैं कि सरकार ने हमारे लिए कार्रवाई और अर्थदंड का प्रावधान तो कर दिया, लेकिन हमारा प्रमोशन रोक कर रखनेवाले सीनियर अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती. प्रोन्नति को लेकर ये अधिकारी झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के माध्यम से रघुवर दास की सरकार के समय से ही आवाज उठा रहे हैं. कुछ समय पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सामने भी इस मुद्दे को उठाया गया था.

30 से अधिक अधिकारी हो चुके हैं कोरोना संक्रमित

अधिकारियों का कहना है कि वे सरकार के हर कार्य को तत्परता से जमीन पर उतारने में जुटे हैं. कोरोना की पहली जंग भी सरकार ने इन्हीं अधिकारियों के दम पर जीती थी. संक्रमण के दूसरे फेज में भी राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रात-दिन लगे हैं. 30 से अधिक अधिकारी वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके है. ऐसे में इनकी पीड़ा और सरकार के प्रति आक्रोश साफ देखा जा सकता है.

24 दिसंबर से प्रमोशन पर राज्य में है रोक

विधानसभा के विगत बजट सत्र में एससी-एसटी के प्रोन्नति के संबंध में मामला उठा था. इसे गंभीरता से लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने विशेष समिति का गठन किया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीते वर्ष 24 दिसंबर को विशेष समिति के साथ बैठक के बाद राज्य में प्रोन्नति पर रोक लगा दी है. अब समिति ने कुछ शर्तों के आधार पर प्रोन्नति पर लगी रोक को हटाने की अनुमति दी है. समिति ने अपनी रिपोर्ट फरवरी में ही दे दी थी, लेकिन रिपोर्ट में की गयी सिफारिशों पर सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है. इस कारण प्रोन्नति का मामला अटका पड़ा है.