पत्थरों को ट्रक से कोलकाता और असम भेजा जाता है
Giridih: जिले के गावां थाना क्षेत्र के जंगलों में कीमती पत्थरों का धड़ल्ले से अवैध उत्खनन किया जा रहा है. पहले इससे जुड़े माफिया चोरी छिपे पत्थरों का उत्खनन करते थे. लेकिन अब खुलेआम हो रहा है. माफिया पत्थरों का उत्खनन कर ट्रक में लोड कर कोलकाता और असम भेज रहे हैं. इसमें खनन माफिया के साथ-साथ सफेदपोशों की भी शामिल होने की बात सामने आ रही है.
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो उत्खनन का कार्य देर रात तक चलता रहता है. पत्थरों को तोड़ने के लिए विस्फोटकों का प्रयोग किया जाता है. इसकी आवाज आसपास के गांवों तक भी सुनी जा सकती हैं. बताया जाता है कि गावां प्रखंड के जमडार, तराई, भतगढ़वा, गोरियाचू, चरकी, भुजवा और तारापुर से सटे जंगलों में अवैध रूप से पत्थरों के खनन का कार्य किया जा रहा है.
पहाड़ पर असर
इस वजह से वन पर असर पड़ रहा है साथ ही पहाड़ों का अस्तित्व भी समाप्त होता जा रहा है. इसके अलावा रास्ता बनाने के लिए पेड़-पौधों को काटा जा जा रहा है. बताया जाता है कि उत्खनन किए गए सफेद पत्थरों को जमडार-बलहरा मुख्य रास्ते से बंगाल और असम भेजा जाता है. इन जंगलों में कई स्थानों पर जमा किए गए पत्थरों को देखा जा सकता है.
इसके अलावा मजदूर पैसे की लालच में जान को जोखिम में डालकर काम करते हैं. प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा समय-समय पर अभियान चलता है. खनन कुछ दिन बंद रहता है. उसके बाद फिर से चालू हो जाता है. इन स्थानों पर वनकर्मियों के आने की सूचना माफियाओं को पहले ही मिल जाती है. इससे वे बचने में सफल हो जाते हैं.
कार्रवाई की जायेगी
अवैध उत्खनन के मामले पर रेंजर अनील कुमार ने कहा कि सफेद पत्थरों के उत्खनन की सूचना उन्हें भी मिल रही है. जल्द ही उनवके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. दूसरी तरफ अवैध उत्खनन के खिलाफ कई राजनीतिक दलों ने भी मोर्चा खोल दिया है. भाकपा माले नेता राजेश सिन्हा ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन अविलंब रोक लगाने की मांग की है. बीजेपी के पूर्व विधायक लक्ष्मण स्वर्णकार ने कहा कि अवैध उत्खनन से वन संपदा के साथ-साथ सरकार को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है. इसे रोका जाना चाहिए.