कोडरमा : विकास योजनाओं के लिए उपयोग होने वाले खनिजों के स्रोत का पता नहीं, रायल्टी से दोगुनी राशि देनी पड़ रही

Arun Barnwal

Koderma : कोडरमा  जिले में जहां एक तरफ जिला प्रशासन अवैध खनन पर लगाम लगाने को लेकर कई कदम उठा रहा है. तो वहीं दूसरी ओर विभाग के ही कुछ लोग इस पर पानी फेर रहे हैं. आपको बता दें कि जिले के अंदर कई विकास योजनाओं में जमकर अवैध खनिज का उपयोग किया जा रहा है. ऐसे में प्रशासनिक तंत्र के सक्रियता के बाद भी अवैध खनिज के उपयोग पर अंकुश लगाना खोखला साबित हो रहा है.

जब संबंधित अधिकारियों से इसे लेकर बात किया गया कि विकास योजनाओं के लिए उपयोग में लाए जा रहे खनिज कहां से लाई जा रही है. तो इसका स्त्रोत अधिकारियों ने नहीं बताया. अब स्थिति यह है कि बिना लीगल स्त्रोत के योजनाओं में उपयोग किए जाने वाले खनिज के विपरीत तय किए गए रायल्टी से दोगुनी राशि देनी पड़ रही है.

चालान के साथ खनिज महंगे तो होते हैं

अपना नाम नहीं छापने के शर्त पर संवेदकों ने बताया कि चालान के साथ खनिज महंगे तो होते हैं, साथ ही समय पर उपलब्ध भी नहीं हो पाता है, इसका सीधा असर योजनाओं में पड़ता है. और तय समय पर काम पूरा नहीं हो पाता. ऐसे में योजनाओं को तय समय पर पूरा करने के लिए बिना चालान वाले खनिज का उपयोग किया जा रहा है, जो अवैध की श्रेणी में आता है.

वैध स्त्रोत से ही खनिज उपयोग के कड़े निर्देश दिए गए हैं

ज्ञात हो कि उपायुक्त स्तर से विकास योजनाओं में वैध स्त्रोत से ही खनिज उपयोग के कड़े निर्देश दिए गए हैं. फिर भी वर्ष 2019-20 में 7 करोड़ तथा वित्तीय वर्ष 20-21 में 10.45 करोड़ का खनिज अवैध स्रोत से लेकर विकास योजनाओं में उपयोग कर दिया गया, जिनके स्त्रोत को लेकर विभाग के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है. जबकि उपयोग किये गये खनिज को लेकर दोगुनी राशि रायल्टी के रूप में जमा की गई है.

अवैध खनन को बढ़ावा मिल रहा है

आपको बता दें कि ग्रामीण कार्य विभाग एवं पथ प्रमंडल कोडरमा ने बिना स्त्रोत के सर्वाधिक खनिज उपयोग किया है. यही वजह है कि इससे अवैध खनन को बढ़ावा मिल रहा है. आप यह भी कह सकते हैं कि सैंया भइल कोतवाल तो अब डर काहे का.

वर्ष 2020 में 50 से ज्यादा अवैध क्रशर प्लांट को भी ध्वस्त किया गया

गौरतलब है कि बीते दो वर्षों में अवैध खनन व खनिज पर रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन ने कई कड़े कदम उठाये है. इन दो वर्षों में विभागों द्वारा विभिन्न थानों में 220 केस दर्ज कराया गया है. वहीं अवैध खनिज पर लगाम लगाने को लेकर 510 वाहनों को जब्त कर भारी-भरकम जुर्माना वसूल किया गया एवं केस दर्ज किया गया.

 वहीं वर्ष 2020 में 50 से ज्यादा अवैध क्रशर प्लांट को भी ध्वस्त किया गया. ज्ञात हो कि अवैध उत्खनन को लेकर सिरसिरवा जैसे जंगली इलाकों में बड़ा अभियान चलाकर 22 लोगों के विरुद्ध केस दर्ज किया गया तो दूसरी ओर 14 करोड़ के खनिज नुकसान का जुर्माना भी लगाया गया.

खनिज विभाग द्वारा कार्य विभाग को खनन पट्टा देने का प्रावधान है

गौरतलब है कि सड़क सहित अन्य विकास कार्यों में अवैध खनिज के उपयोग पर रोक को लेकर खनिज विभाग द्वारा कार्य विभाग को खनन पट्टा देने का प्रावधान है लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि किसी भी विभाग द्वारा खनन पट्टा को लेकर रुचि नहीं दिखाई गई. जबकि खनिज विभाग द्वारा विभागों को इसकी जानकारी भी दी गई है. पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य जैसे बड़े विभाग सर्वाधिक खनिज का उपयोग हो रहा है.

उपायुक्त स्तर से लगातार निर्देश दिए जा रहे है

जिन विभागों द्वारा विकास योजनाओं का काम किया जा रहा है, उन्हें वैध स्त्रोत से खनिज उपयोग को लेकर उपायुक्त स्तर से लगातार निर्देश दिए जा रहे है. खनन विभाग द्वारा भी उपायुक्त के निर्देश का हवाला देकर लगातार पत्राचार किया जा रहा है. बावजूद इसके आदेश का पूरी तरह अनुपालन नहीं हो पा रहा है. जिला खनन पदाधिकारी मिहिर सलकर ने बताया कि वैध स्त्रोत से खनिज उपयोग होने से ही अवैध स्रोत पर लगाम लगेगा.

 पिछले दो वित्तीय वर्ष में जमा की गई रायल्टी की राशि इस प्रकार है.

विभाग का नामवर्ष 2019-2020वर्ष 2020-2021
भवन निर्माण निगम0071.26 लाख
एनएच हजारीबाग00161.69 लाख
पथ प्रमंडल कोडरमा270.52 लाख266.48 लाख
लघु सिचाई प्रमंडल001.59 लाख
विशेष प्रमंडल कोडरमा58.98 लाख75.87 लाख  
ग्रामीण कार्य विभाग167.40 लाख277.15 लाख
जिला शिक्षा अधीक्षक0.39 लाख0.23 लाख  
भवन निर्माण विभाग3.47 लाख9.26 लाख  
पीएचईडी3.55 लाख2.46 लाख  
एनआरईपी2.76 लाख2.76 लाख
नगर पर्षद झुमरीतिलैया36.37 लाख34.44 लाख  
नगर पंचायत कोडरमा26.22 लाख8.87 लाख  
बीडीओ चंदवारा0.98 लाख5.58 लाख  
बीडीओ जयनगर2.35 लाख2.59 लाख  
राइटस लि.0064.0 लाख
ऑनलाइन जमा37.27 लाख51.76 लाख
कुल योग709.99 लाख1045.44 लाख