50% बेड रिजर्व की रिपोर्ट नहीं देने पर मेडिका, मेदांता, सीसीएल अस्पताल और सेवा सदन को नोटिस

  • डीसी, डीडीसी ने निजी हॉस्पिटल प्रबंधकों संग की वर्चुअल मीटिंग, 50 बेड रिजर्व नहीं करने पर डीएम एक्ट के तहत होगी कार्रवाई
  • मरीजों की हालत को देख बेड देने का निर्देश, नहीं तो होम आइसोलेशन

Ranchi : रांची में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी निजी हॉस्पिटलों को अपनी कुछ क्षमता का 50 प्रतिशत बेड रिजर्व रखने का निर्देश दिया है. इसके बावजूद कई निजी हॉस्पिटलों ने 50% बेड रिजर्व करने संबंधी रिपोर्ट जिला प्रशासन को नहीं सौंपा हैं. अब ऐसे हॉस्पिटलों को नोटिस जारी किया गया है. यह हॉस्पिटल मेडिका, मेदान्ता, सीसीएल तथा सेवा सदन हैं.

जिला प्रशासन लगातार कर रहा मॉनिटरिंग

बता दें कि सरकार द्वारा 50 प्रतिशत सीट रिजर्व करने से जुड़ी गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित हो, इसके लिए जिला प्रशासन लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है. इसी कड़ी में मंगलवार को रांची डीसी छवि रंजन तथा डीडीसी विशाल सागर ने सभी निजी हॉस्पिटल प्रबंधकोंल के साथ एक वर्चुअल मीटिंग की. वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देश के आलोक में 50% बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व करने संबंधी रिपोर्ट की समीक्षा की गई.

समीक्षा में ज्ञात हुआ कि चार हॉस्पिटलों ने अब तक 50% बेड रिजर्व करने संबंधी रिपोर्ट जमा नहीं की गई है. डीडीसी ने इन सभी प्रबंधकों को नोटिस जारी किया है. साथ ही जल्द से जल्द 50% बेड रिजर्व कर रिपोर्ट समर्पित करने को कहा है, अन्यथा आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

वर्चुअल मीटिंग में निजी हॉस्पिटल प्रबंधकों को दिए गए कई निर्देश

• प्रत्येक हॉस्पिटल अपनी क्षमता का 50% बेड कोरोना संक्रमण से ग्रसित मरीजों के लिए सुरक्षित रखेंगे.
• सभी हॉस्पिटल कोरोना मरीजों के एडमिट होने का समय सही सही अंकित करेंगे. उनके डिस्चार्ज होने के समय का भी उल्लेख करेंगे. डैशबोर्ड पर भी इसकी ऑनलाइन इंट्री ससमय निरंतर करते रहेंगे. एक एमआईएस कर्मी की प्रतिनियुक्ति इस कार्य के लिए करेंगे.
• कोरोना संक्रमण को मात देकर निगेटिव हुए डिस्चार्ज मरीजों के ब्लड ग्रुप का कलेक्शन करेंगे और डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी उपलब्ध कराएंगे. यह भविष्य में प्लाज्मा डोनेशन के लिए उपयोग में आएगा.
• सभी निजी हॉस्पिटल ऑक्सीजन सिलेंडर की पर्याप्त स्टॉक रखना सुनिश्चित करेंगे. प्रशासन इस संबंध में ऑक्सीजन सप्लायर्स के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है.
• मरीजों की हालत को देखकर ही उन्हें बेड उपलब्ध कराया जाए. वैसे कोरोना मरीजों को बेड उपलब्ध कराने की आवश्यकता नहीं है, जिनको होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है. इस संबंध में संबंधित इनसिडेंट कमांडर से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है.