कुम्हारों की पुश्तैनी धंधे को बरकरार रखने की कवायद
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alt="" width="600" height="400" /> साल भर के बाद आने वाला धनतेरस औऱ दिवाली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है. दीपावली पर लोग दीये जलाकर धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा कर परिवार की खुशहाली की कामना करते हैं. बोकारो जिले के चंदनकियारी के प्रकाश कुंभार दिवाली पर पिछले 15 वर्षों से घरकुंदा बनाते आ रहे हैँ. यह परिवार 150 किलोमीटर दूर से 5 अलग-अलग दिवाली आइटम लेकर राजधानी पहुंचा है. यहा बापू वाटिका के सामने इनलोगों ने दिवाली के सजावटी समान व दीयों के स्टॉल लगा रखा है है. प्रकाश कुंभार ने बताया कि यह उनका पुश्तैनी धंधा है. वह स्वरोजगार के जरिए अपने पुरखों की परंपरा को बनाए रखे हैं. बाकारो के नितय कुंभकार ने बताया कि रांची में उन्होंने पहली बार दीपावली पर अपना स्टॉल लगाया है. उनके स्टॉल पर हाथ से बना मिट्टी के गार्डन आइटम्स उपलब्ध हैं. इनमें डाइनिंग रूम सजाने वाले फ्लावर पॉट,गार्डन मे लगने वाले फाउंटेन आदि शामिल हैं.
लोगों को लुभा रहे तरह-तरह के दीये
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alt="" width="600" height="400" /> इस बार दिवाली पर पारंपरिक दीये लोगों को लुभा रहे हैं. कलश वाले दीये, महलनुमा डीजाइन वाले दीये, बालकनी की सजावट वाले दीये, मंदिर का डिजाइन की डिमांड अधिक है. https://lagatar.in/ranchi-market-decorated-with-gharkunda-and-different-types-of-lamps-on-diwali/whatsapp-image-2024-10-27-at-20-02-52/"
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alt="" width="600" height="400" /> यह भी पढ़ें : रांची:">https://lagatar.in/according-to-mithila-panchang-it-will-be-celebrated-on-31st-october/">रांची:
मिथिला पंचांग के अनुसार 31 अक्टूबर को मनेगी दिवाली [wpse_comments_template]