Ranchi: बोकारो जिला के तेतुलिया मौजा स्थित करीब 100 एकड़ से अधिक वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री के आरोपी राजवीर कंस्ट्रक्शन के डायरेक्टर वीर अग्रवाल और विमल अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका पर सीआईडी की विशेष अदालत में शनिवार को सुनवाई हुई.
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीआईडी को केस डायरी जमा करने का निर्देश दिया था. लेकिन CID की ओर से केस डायरी पेश करने के लिए समय मांगा गया. जिसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 23 जुलाई की तारीख निर्धारित की है.
पुनीत अग्रवाल को सीआईडी ने सोमवार को गिरफ्तार किया था. उनपर आरोप है कि राजवीर कंस्ट्रक्शन कंपनी के माध्यम से तेतुलिया मौज़ा के उस वनभूमि के लिए उमायुष कंपनी को तीन करोड़ चालीस लाख रुपए उक्त ज़मीन के एवज में भुगतान किया था.
पुनीत की गिरफ्तारी तेतुलिया मौजा में बेशकीमती करीब एक सौ एकड़ जमीन का फर्जीवाड़ा कर दस्तावेज बनाकर हड़पने और बेचने के मामले में हुई है. बोकारो के तेतुलिया में 100 एकड़ से ज्यादा वन भूमि को फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच दिया गया.
आरोप है कि इसमें भू-माफिया, अंचल कर्मी और बोकारो स्टील प्लांट के अफसरों की मिली भगत है. यह वो जमीन है, जिसे बोकारो स्टील प्लांट के द्वारा वन विभाग को वापस लौटाया गया था.
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर जमीन घोटाला मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गई थी. सीआईडी बोकारो के सेक्टर 12 थाना में दर्ज कांड संख्या 32/2024 को टेकओवर कर अपनी जांच शुरू कर चुकी है.