Ranchi: राज्य में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने पहले ही 30 अप्रैल तक धारा 144 लागू कर रखा है. इसी बीच 15 अप्रैल को सरहुल है. इस दिन आदिवासी समितियों को ओर से जुलूस निकाला जाता है. पिछले साल की तरह ही इस वर्ष भी सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए समितियों ने जुलूस नहीं निकालने का फैसला किया है. रांची डीसी छवि रंजन की अध्यक्षता में गुरुवार को सरना समितियों के साथ बैठक की गई. बैठक में लोगों की सुरक्षा को देखते हुए जुलूस नहीं निकालने का निर्णय लिया गया.
मुख्य पूजा स्थल सिरमटोली में विभिन्न मोजा के 5 लोग ही जाएंगे
प्रशासन ने सिरम टोली स्थित मुख्य सरना स्थल पर 5 लोगों को पूजा करने की अनुमति दी है. बैठक में निर्णय लिया गया कि कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए धार्मिक स्थलों पर सरना समिति की ओर से पूजा की जाएगी. बारी-बारी से लोग पूजा कर लौट जाएंगे. इस दौरान ढोल-नगाड़ा लाने के अनुमति नहीं होगी.
समस्या का हल सरना समितियों को ही निकालना होगा- डीसी
डीसी ने इस अवसर पर कहा कि विभिन्न सरना समितियों को ही सरहुल पूजा के लिए समाधान निकालना होगा. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार के आदेश को लागू करने में सरना समितियां सहयोग करें.
पूजा स्थल के कैपोसिटी के अनुसार 50 फीसदी लोग ही एक बार में होंगे कार्यक्रम में शामिल
सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि समितियों ने अश्वासन दिया है कि वे किसी प्रकार की शोभा यात्रा नहीं निकालेगी. मीडिया के माध्यम से उन्होंने बाकि अन्य लोगों से भी अपील की है कि लोग किसी प्रकार का जमावड़ा न करें. इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि जितने भी धार्मिक स्थल, अखड़ा या सरना स्थल हैं उन सभी जगहों पर पूजा के दौरान स्थल के कैपेसिटी के अनुसार 50 प्रतिशत लोग ही एक बार में कार्यक्रम में शामिल होने की बात कही गई है. इसके लिए भी समितियों ने सहमति दी है.
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोई भी जुलूस न निकालें. समाज के जो अगुवा जैसे पाहन,पनहोरा,महतो, आदि लोग अपनी सुविधा से मुख्य स्थल सिरम टोली आएं. माथा टेकें और पूजा पाठ करें. इसके लिए कहीं से कोई मनाही नहीं है.