नक्सली घटना में मारे गये एसपी और पुलिसकर्मियों के मामले में हाईकोर्ट के दो जजों का फैसला अलग अलग

Ranchi :- हाईकोर्ट ने फांसी की सजा पाये नक्सलियों और राज्य सरकार की अपील पर अलग अलग फैसला सुनाया है. न्यायाधीश रंगोन मुखोपाध्याय ने फांसी की सजा पाये दोनों नक्सलियों को बरी कर दिया है. लेकिन न्यायाधीश संजय प्रसाद ने प्रसाद ने निचली अदालत द्वारा दी गयी फांसी की सजा को बरकरार रखा है.

न्यायाधीश संजय प्रसाद ने तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार के पारिवारिक सदस्यों को दो करोड़ रुपये मुआवजा और डीएसपी या डिपुटी कलेक्टर की नौकरी देने का आदेश दिया है. उन्होंने इस नक्सली घटना में मारे गये पांचों पुलिस कर्मियों के पारिवारिक सदस्यों को 50-50 लाख मुआवजा और शैक्षणिक योग्यता के अनुसार चतुर्थ वर्गीय पदों पर नौकरी देने का आदेश दिया है.

दो जुलाई  2013 को दुमका में हुई एक नक्सली घटना मे पाकुड़ के तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार के अलावा राजीव कुमार शर्मा, मनोज हेम्ब्रम, चंदन कुमार थापा, ड्राइवर अशोक कुमार श्रीवास्तव, संतोष कुमार मंडल की मौत हो गयी थी. पुलिस ने मामले की जाँच के बाद चार आरोप पत्र दायर किया. इसमें दो नक्सलियों को आरोपित और गिरफ़्तार किया गया. इसमें सुख लाल (उर्फ प्रवीर मुर्मू, प्रवीर दा, प्रविल दा, हिरेंद्र दा, सनत दा, मारंग दा, अमृत) और सनातन बख्शी( उर्फ ताला दा, सहदेव राय) का नाम शामिल है. दुमका के सत्र न्यायाधीश तौफीकुल हसन ने मामले की सुनवाई के बाद दोनों अभियुक्तों को फांसी की सजा दी.

राज्य सरकार ने सत्र न्यायालय द्वारा दिये गये फैसले को कंफर्म कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका( डेथ रिफ्रेंस) दायर की. इसके साथ ही मौत की सजा पाये दोनों अभियुक्तों ने अलग अलग क्रिमनल अपील दायर की. इन सभी मामलों की सुनवाई न्यायाधीश रंगोन मुखोपाध्याय और न्यायाधीश संजय प्रसाद की अदालत में हुई. मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद दोनों की न्यायाधीशों ने ट्रायल कोर्ट में पेश किये गये दस्तावेज, गवाहों के बयान आदि पर अलग अलग राय बनायी. इसके बाद दोनों ही न्यायाधीशों ने इस मामले में अलग अलग फैसला दिया.

न्यायाधीश संजय प्रसाद ने ट्रायल कोर्ट द्वारा अभियुक्तों को दी गयी फांसी की सजा को बहाल रखा. उनकी याचिका को ख़ारिज कर दिया. तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार और नक्ली घटना में मारे गये पुलिसकर्मियों को मुआवजा और नौकरी देने का आदेश दिया. उन्होंने अपने आदेश की प्रति मुख्य सचिव,गृह सचिव, डीजीपी, कार्मिक सचिव और जेपीएससी के चेयरमैन को भेजने का आदेश दिया ताकि उनके फैसले पर अमल किया जा सके.

राज्य सरकार की ओर दायर डेथ रिफरेंस और फांसी की सजा पाये नक्सलियों द्वारा दायर अपील पर न्यायाधीश रंगों मुखोपाध्याय ने अपना अलग अलग फैसला सुनाया. उन्होंने सत्र न्यायालय द्वारा अभियुक्तों को दी सजा को रद्द कर दी. न्यायाधीश ने वर्ष 2013 में हुई नक्सली घटना में तत्कालीन एससी के ड्राइवर औ बॉडी गार्ड को महत्वपूर्ण गवाह माना गया है. क्योंकि एसपी जिस गड़ी में बैठे थे उसे ड्राइवर धर्मराज मारिया चला रहा था. एसपी ड्राइवर की बगल की सीट पर बायीं तरफ़ बैठे थे. बॉडी गार्ड लेबेनियस मरांडी पिछली सीट पर बैठा था. दोनों ही नक्सली घटना के चश्मदीद थे. ट्रायल कोर्ट में ड्राइवर, बॉडीगार्ड सहित कुल 31 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया था. ट्रायल कोर्ट से सजा पाये अभियुक्तों ने हाईकोर्ट में अपील की थी. हाईकोर्ट ने इन दोनों महत्पूर्ण गवाहों के बयान में विरोधाभास पाया. न्यायालय ने इनके बयान को अपीलकर्ता(नक्सलियों) पर अभियोग लगाने का आधार नहीं मना और संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया.

 

न्यायाधीश रंगोन मुखोपाध्याय ने अपने फैसले में निम्न लिखित विसंगतियों का उल्लेख किया है.

 

1- एसपी के बॉडी गार्ड ने पहली बार डॉक में सुखलाल उर्फ प्रवीर मुर्मू की पहचान की.

2-  बॉडी गार्ड में अपने बयान में कहा कि उसने इससे पहले सुखलाल उर्फ प्रवीर को पहले कभी नहीं देखा.

3- उसके बयान से किसी भी तरह इस बात का आभास नहीं होता है कि उसने सुखलाल उर्फ प्रवीर को मुठभेड़ के समय घटना स्थल पर देखा

4-  बॉडी गार्ड के पैर में दो गोलियां लगी थी. उसने ख़ुद को गड्ढे में छिपा लिया था.

5- एसपी के ड्राइवर धर्मराज मारिया मे भी सनातन बख्शी उर्फ सहदेव राय की पहचान पहली बार डॉक में की.

6- एसपी का ड्राइवर दूसरे अभियुक्त को नहीं पचना सका.

7- ड्राइवर के पैर में दो गोलियां लगी थी. गाड़ी का दरवाजा खुल गया और वह बाहर गिर गया.

8- उसी वक्त एसपी को गोली लगी और उनकी मौत हो गयी.

9- न्यायालय ने थाना प्रभारी के बयान के बयान और ड्राइवर के बयान में विरोधाभास पाया

10-  थाना प्रभारी  चोनस कुमार मिंज ने अपने बयान में कहा कि जिस गड्ढे में एसपी का बॉडी मिला वह स्कॉरपियो से 20 फुट दूर Northern side में है.

11-  एसपी के ड्राइवर और बॉडी गार्ड को घायल अवस्था में स्कॉरपियो के southern side में 12 फुट दूर पाया गया.